गलवान वैली हिंसा के बाद तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए तीन सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने तीनों सेनाओं को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पलड़ा चीन के बराबर हो सकता है।
दरअसल, पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में सोमवार रात चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मामले को लेकर स्थानीय कमांडर को अब फ्री हैंड कार्रवाई की छूट दे दी गई है। इसकी वजह जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह का फैसला और कार्रवाई तुरंत करने के लिए उन्हें सक्षम करना है।
कोई बयान जारी नहीं किया
सीमा के पास हुए हिंसक झड़प के बाद बड़ी संख्या में एंबुलेंस, स्ट्रेचर पर घायल और मृत चीनी सैनिकों को ले जाया गया। ये भी बताया जा रहा है कि चीन के करीब 40 से अधिक सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है। हिसंक झड़प के लगभग 36 घंटे बाद पहली बार भारत की तरफ से बयान जारी हुआ। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ मीटिंग की।
शहादत को कभी नहीं भूलेगा
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उसके बाद कहा, ‘गलवान में सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया। देश उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेगा। शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है।’ लेकिन अभी भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत को रोक दिया गया है। रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा पर हालात की समीक्षा की है। इसके साथ ही भारतीय सेना को एलएसी पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बातचीत की है। हालांकि इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।