प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलो गेहूं और चावल मुफ्त में दिया जाता है. केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली इस योजना को अप्रैल 2020 में कोविड के दौरान शुरू किया गया था. सितंबर 2022 में सरकार की तरफ से इसे सातवीं बार दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ाया गया था. दिसंबर का आखिरी हफ्ता चल रहा है लेकिन सरकार की तरफ से योजना को आगे बढ़ाने पर किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक नहीं है. ऐसे में जनवरी से मुफ्त राशन योजना को बंद किया जा सकता है. हालांकि सरकार की तरफ से ऐसी किसी भी बात से इंकार कर दिया गया है. पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के पास अनाज का पर्याप्त स्टॉक है. साथ ही इस साल गेहूं की पैदावार भी अच्छी होने की संभावना है. अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पीएमजीकेएवाई पर बड़ी जानकारी शेयर की है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 से अब तक 3.9 लाख करोड़ रुपये का मुफ्त अनाज लोगों को उपलब्ध कराया है. अप्रैल 2020 में शुरू हुई योजना को सातवीं बार दिसंबर, 2022 तक बढ़ाया गया है. तोमर ने कहा पीएमजीकेएवाई को कोविड-19 महामारी के कारण हुई आर्थिक दिक्कतों के चलते गरीबों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए शुरू किया गया था.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योजना के तहत अब तक 3.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च के साथ ही राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को 1,118 लाख टन अनाज आवंटित किया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार ने 2021-22 में एमएसपी पर 2.75 लाख करोड़ की फसलों की रिकॉर्ड खरीद की है. तोमर ने कहा कि ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना से गरीबों को राहत मिली है. एक देश एक राशन कार्ड योजना पर उन्होंने कहा कि इसे सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है.