नई दिल्ली रेलवे स्टेशन परिसर (New Delhi Railway Station Complex) में रविवार सुबह करंट लगने से महिला की मौत (Woman dies electric shock) हो गई। 35 वर्षीय साक्षी आहूजा (Sakshi Ahuja) परिवार के साथ प्रीत विहार इलाके (Preet Vihar Locality) में रहती थीं। करंट का अहसास होते ही उन्होंने परिवार को आगाह किया, जिससे पूरा परिवार बच गया, लेकिन वह खुद की जान नहीं बचा सकीं। परिजनों के मुताबिक, हादसे से साक्षी की बहन माधवी सदमे में है।
बहन को बचाने के दौरान करंट का झटका लगने से वह भी घायल है। हालांकि, इलाज के बाद उन्हें छुट्टी मिल गई। साक्षी को पैर रखने पर करंट लगने का अहसास हुआ। उसने तुरंत पीछे चल रहे लोगों को दूर होने के लिए कहा, लेकिन खुद को नहीं बचा पाई और दूसरा पैर भी पानी में चला गया। मृतका के देवर कपिल आहूजा ने बताया कि भाभी की वजह से परिवार के अन्य लोग बच गए।
चंडीगढ़ जा रहा थे
माता-पिता और बहन के साथ चंडीगढ़ में रिश्तेदार के घर जाने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने वंदे भारत ट्रेन में 25 जून का आरक्षण कराया था। इसी के तहत साक्षी ने अपने दोनों बच्चों, माता-पिता और बहन के साथ सुबह पहाड़गंज की तरफ से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में प्रवेश किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें छोड़ने के लिए साक्षी के भाई दो कारों से आए थे। वे उन्हें उतारकर कार पार्किंग में लगाने के लिए चले गए, जबकि पिता राधेश्याम कार में रह गए।
साक्षी अपनी बहन माधवी, मां प्रवीन और दोनों बच्चों के साथ प्लेटफार्म संख्या एक की तरफ बढ़ने लगी। सड़क पर पानी भरा था तो साक्षी डिवाइडर से होते हुए चल रही थी। प्रीपेड बूथ से सटे बिजली के खंभे के पास पानी कम देखकर साक्षी ने पैर जमीन पर रखा। बिजली के तार के संपर्क में आने की वजह से पानी में करंट उतर आया और साक्षी करंट लगते ही गिरकर तड़पने लगी।
पेशे से आर्किटेक्ट थी
प्रीत विहार स्थित स्कूल में शिक्षिक साक्षी पेशे से आर्किटेक्ट थी। उनके माता-पिता गुजरांवाला टाउन में रहते हैं। वे सरकारी स्कूल में प्रिसिंपल थे और अवकाश प्राप्त हैं। साक्षी के पति अंकित आहूजा का टोयटा कंपनी में इंजीनियर हैं। परिवार में दस साल का बेटा और छह साल की बेटी है। अभी भी बच्चों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनकी मां इस दुनिया में नहीं हैं।
जिम्मेदारी कौन लेगा
साक्षी के परिजनों ने कहा कि इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा। उनका परिवार बिखर गया है, परंतु उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, साक्षी के रिश्तेदार ललित नागपाल ने हादसे के लिए रेलवे को ही जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि राजधानी के प्रमुख रेलवे स्टेशन पर नंगे तार फैले हैं, जिनमें करंट है। यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था। उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
बच्चों ने की थी जिद
लेडी हार्डिंग अस्पताल के शव गृह पर मौजूद परिजनों ने बताया कि साक्षी के दोनों बच्चों ने वंदे भारत ट्रेन देखने की इच्छा जताई थी। इसलिए उन्होंने इस रेलगाड़ी को चुना। हालांकि, टिकट प्रतीक्षा सूची में था। इसलिए शनिवार दोपहर तक पूरी तैयारी नहीं थी। इसके बाद टिकट कंफर्म हो गया।