Breaking News

मणिपुर हिंसाः सुरक्षाबलों का एक्शन तेज- 12 बंकर तबाह, 135 गिरफ्तार, मोर्टार-IED बरामद

मणिपुर (Manipur violence) में करीब 2 महीने से हिंसा जारी है। इसी बीच पुलिस और सुरक्षा बलों (police and security forces) ने भी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन तेज (Action intensified against extremists) कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटे में हिंसा प्रभावित मणिपुर के विभिन्न जिलों में उग्रवादियों द्वारा बनाए गए 12 बंकरों को नष्ट (12 bunkers destroyed) कर दिया।

मणिपुर पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने तमेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान 12 बंकर्स को तबाह कर दिया. इतना ही नहीं सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को साहुमफाई गांव में एक धान के खेत में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, तीन 84 मिमी मोर्टार और आईईडी पाए गए. बम निरोधक टीम ने IED को भी नष्ट कर दिया।

पुलिस के मुताबिक, स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन कुछ स्थानों पर नियंत्रण में है, कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं लेकिन राज्य के अधिकांश जिलों में स्थिति सामान्य है. पुलिस ने कर्फ्यू उल्लंघन, घरों में चोरी, आगजनी के मामलों में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि अब तक कुल 1100 हथियार, 13702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है।

पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे राज्य में स्थिति सामान्य बनाने में हर संभव मदद करें. किसी भी अफवाह की स्थिति में कंट्रोल रूम 9233522822 पर सूचना दें. साथ ही हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक वापस पुलिस या सुरक्षाबलों के पास जमा कर दें. मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बल राज्य के संवेदनशील इलाकों में गश्त, फ्लैग मार्च और घेराबंदी, तलाशी अभियान चला रही है।

मणिपुर में क्यों फैली हिंसा?
मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने हाल ही में एक आदेश दिया था. इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था। कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला था. 3 मई को इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. बताया जा रहा है कि इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई।

मणिपुर में 50 से ज्यादा दिन हो गए, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. मणिपुर शांति की गुहार लगा रहा है. सिर्फ राजधानी में ही नहीं बल्कि पूरा राज्य इस समय ठप पड़ा है. अब तक करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हैं. मणिपुर में हिंसा इस कदर बढ़ चुकी है कि हाल ही में भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का घर तक फूंक डाला था. शांति बहाल करने के लिए कई बार प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. केंद्रीय सशस्त्र बल की 84 कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है, असम राइफल्स के भी 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।