पिछले दिनों माली में तीन भारतीय नागरिकों का आतंकी संगठन ने अपहरण कर लिया। भारत सरकार ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और माली सरकार से तुरंत और सुरक्षित रिहाई के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। माली में आतंकवाद अपने चरम पर है।
पश्चिमी अफ्रीका का एक संकटग्रस्त देश माली इस वक्त इस्लामी आतंकवाद की गिरफ्त में है। अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) और इस्लामिक स्टेट साहेल प्रांत ने देश में असुरक्षा का माहौल बना दिया है।
कैसे होती है कमाई?
इन आतंकी संगठनों ने अपहरण और फिरौती को अपनी मुख्य रणनीति का हिस्सा बना लिया है, जिससे माली धीरे-धीरे इस तरह के अपराध का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है।
साल 2024 में माली में अपहरण की कई घटनाएं सामने आईं। जनवरी में सेगू क्षेत्र के तीलान गांव से दो ग्रामीण अध्यापकों को अगवा कर गांव को जला दिया गया था। हालांकि, 6 दिनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।
अपहरण-फिरौती से होती है ज्यादा कमाई
फिर दिसंबर में फराबूगू क्षेत्र में नागरिकों के अपहरण की पुष्टि हुई थी। हाल ही में कायेस क्षेत्र से तीन भारतीयों का अपहरण किया गया, जो इस चुनौती को और गहरा करता है।
2017 से लेकर 2023 के बीच, इस समूह ने माली, बुर्कीना फासो, नाइजर में करीब 1100 अपहरणों में से 845 की जिम्मेदारी ली। 2017 में JNIM का सलाना राजस्व 149 करोड़ से 290 करोड़ के बीच था। इस राजस्व में लगभग 40% आय अपहरण और फिरौती से मिला।
विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों का अपहरण कर आतंकी संगठनों को सलाना लाखों डॉलर की कमाई होती है, जिससे वो इन पैसों का इस्तेमाल हथियार खरीदने और अपने गुट में लोगों को भर्ती करने में करते हैं।
क्या है जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM)?
माली में भारतीयों को अगवा करने वाला आतंकी संगठन JNIM पांच देशों में सक्रिय है और यह अलकायदा का सबसे घातक विंग है।
JNIM बीते पांच सालों में सबसे सक्रिय और खतरनाक आतंकी संगठन बन चुका है।
इसकी स्थापना मार्च 2017 में अंसार दीन, एक्यूआईएम (सहारा शाखा), अल-मुराबितुन और कातिबा मकीना जैसे आतंकी समूहों के विलय से हुई थी।
JNIM की रणनीति केवल आतंकी हमलों तक सीमित नहीं है। यह शरिया प्रशासन, कराधान और न्याय व्यवस्था के जरिए अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक शासन चलाने की कोशिश करता है।
यह संगठन पश्चिमी अफ्रीकी सरकारों, फ्रंसीसी और रूसी सुरक्षा बलों के साथ-साथ इस्लामिक स्टेट जैसे प्रतिद्वंदी जिहादी संगठनों से भी संघर्ष करता है।