मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के हाहाकार के बीच एक ऐसा गांव भी है, जहां एक भी मरीज नहीं है. ये गांव है सागर जिले का जनकपुर गांव. ये गांव केसली ब्लॉक में बसा हुआ है. गांव वालों ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पूरा गांव ही सील कर दिया है. इतना ही नहीं कोरोना गाइडलाइन तोड़ने वाले जुर्माना भी भरते हैं. जनकपुर गांव की ग्राम पंचायत के सहायक सचिव भरत सिंह लोधी ने बताया कि सागर में कोरोना के लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए जनकपुर गांव के लोगों ने आपस में बैठक बुलाई. बैठक में तय किया गया कि अब गांव में न कोई आएगा और न कोई बाहर जाएगा. गांव वालों ने खुद ही कोरोना कर्फ्यू लगा दिया और घरों में कैद हो गए. इसका परिणाम ये निकला कि अब तक यहां एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है.
इस तरह एक्टिव हैं गांव के लोग
जनकपुर ग्राम पंचायत ने बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ 20 रूपए का जुर्माना तय किया. गांव में भाप केंद्र और जन औषधि केंद्र खुलवाए गए हैं. यहां ग्रामीण रोज भाप लेने आते हैं. बता दें, गांव के बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर अलग-अलग शिफ्टों में पहरेदारी करने के लिए ग्रामीणों की ड्यूटी लगाई गई है.
45+ का हो चुका वैक्सीनशन
जनकपुर गांव की ग्राम पंचायत के सहायक सचिव भरत सिंह लोधी का कहना है कि 45 प्लस के 338 लोगों में से 325 लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है. इसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग भी शामिल हैं. वैक्सीनेशन और सतर्कता का ही परिणाम है कि 1465 लोगों की आबादी वाले गांव में एक भी व्यक्ति को कोरोना नहीं हुआ है. हमारा गांव कोरोना मुक्त गांव है.
लगातार लोगों से अपील कर रहे सीएम
गौरतलब है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान लगातार लोगों से कोरोना को हराने और गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रहे हैं. शिवराज सिंह ने कहा- हमें कई काम करने हैं. आज ऐसी स्थिति नहीं है कि हम ये कह सकें कि संक्रमण को हमने काबू कर लिया है. स्थिति में सुधार है फिर भी अभी कोरोना कर्फ्यू में ढील नहीं दे सकते. जिला क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप को इसका फैसला लेना है. नहीं तो सारे किये धरे पर पानी फिर जाएगा. जहां संक्रमण की दर बहुत नीचे है वहां कर्फ्यू हटाया जा सकता है. लेकिन बहुत सोच समझकर वैज्ञानिकों से बात करके फैसला लेना.