भारत के खिलाफ अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही पाकिस्तान को चारों से घेरने के लिये केन्द्र सरकार अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है। इसी तहत अब जम्मू-कश्मीर की नदियों से पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने का रास्ता अब साफ हो गया है। दरअसल जम्मू कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एक ऐसा प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है जिसकी मदद से वजह भारत जल्द ही पाकिस्तान का पानी रोक देगा और फिर पाकिस्तान को उसकी असली औकात याद आएगी।
भारत में उझ परियोजना की संशोधित डिजेट प्रोजेक्ट रिपोर्ट को केंद्रीय सलाहकार समिती ने मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट को जम्मू-कश्मीर का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा गया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए घाटी में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिसमें पूरा करने में करीब 9167 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। तो वहीं लगभग 6 साल में इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारा जाएगा। अंग्रेजी अखबार राइजिंग कश्मीर के मुताबिक नए और संशोधित DPR को मंजूरी जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दी गई। सरकार ने इस प्रोजेक्ट का ऐलान साल 2008 में किया था लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।
बता दें कि इस प्रोजेक्ट से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पडेगा। इस प्रोजेक्ट की मदद से भारत सिंधु जल संधि का सारा पानी अच्छे से इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि अभी ये सारा पानी पाकिस्तान को दिया जा रहा है। उझ नदी रावी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत उझ नदी का 781 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का संरक्षण किया जाएगा। जिस वजह से रावी नदी में ही ये सारा पानी जाता है।
आखिर क्या है सिंधु जल संधि?
बता दें कि सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे की एक व्यवस्था है जिसकी वजह से दोनों देशों में पानी का बंटवारा किया गया है। जो संधि साल 1960 में हुई थी। इसमें छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के वितरण और इस्तेमाल करने के अधिकार शामिल हैं। इस समझौते के अनुसार सिंधु नदी के 80 फीसदी पानी पर भारत का अधिकार है लेकिन भारत इस पानी का अभी तक सही से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था लेकिन अब भारत के इस प्रोजेक्ट के बाद पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा होने की संभावना है।