यूं तो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) हमेशा ही खबरों में बना रहता है। लेकिन इस बार यूपी का एक जिले असलहे को लेकर चर्चाओं में है। जी हां, वह तमंचा जिससे कैसेट किंग औक मशहूर संगीतकार गुलशन कुमार की हत्या (Gulshan Kumar Murder) की गई थी। दो दशक के बाद बाम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाया है और बताया है जिस असलहे से गुलशन की हत्या की गई थी वो आजमगढ़ (Azamgarh) जिले का था। हैरान करने वाली बात यह है कि यही तमंचा गुलशन कुमार की हत्या का अहम तार बना जिसके जरिए पुलिस हत्यारे तक पहुंची।
तारीख थी 12 अगस्त और साल था 1997 जब खबर आई कि मुंबई के जुहू इलाके में कैसेट किंग गुलशन कुमार को गोली मार दी गई। जिससे उनकी मौत हो गई, गुलशन कुमार की मौत उनके लाखों प्रशंसकों के लिए बड़ा झटका थी। वहीं इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।गुलशन कुमार की हत्या के बाद पुलिस को असलहा बरामद हुआ था जिस पर ‘मेड इन बम्हौर’ लिखा था। इसी असलहे के कारण मुंबई पुलिस आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना क्षेत्र के एक गांव जिसका नाम बम्हौर है वहां पहुंची।
फैसले में भी तमंचे का जिक्र
गुरुवार को बाम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और उसमें तमंचे का जिक्र किया। फैसले में कोर्ट ने लिखा कि, जिस तमंचे से गुलशन कुमार की हत्या हुई थी वो हत्यारों को आजमगढ़ से उपलब्ध कराया गया था। जिस पर लिखा था, मेड इन बम्हौर। बता दें, एक समय में इस इलाके में अवैध असलहा के बड़ा कारखाना था।यहां अवैध रूप से कारोबारी असलहा बनाते और बेचा करते थे। हालांकि, अब तो यह फैक्ट्री बंद हो चुकी थी लेकिन इसी कारखाने में बने असलहे से गुलशन कुमार की जिंदगी खत्म कर दी गई थी।
हत्यारों की तलाश में बम्हौर पहुंची पुलिस
गुलशन कुमार की हत्या से पुलिस भी हैरान था। मौके से पुलिस को सिर्फ असलहा बरामद हुआ था जिसके आधार पर पुलिस ने छानबीन की। असलहे पर पुलिस ने मेड इन बम्हौर लिखा हुआ देखा तो वह आजमगढ़ तक पहुंच गई। काफी खोजबीन करने के बाद पता चला कि, बम्हौर का रहना वाला देवनाथ कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री में काम करता था। लेकिन बाद में उसने नौकरी छोड़ दी थी और वापस बम्हौर लौट गया था। गांव पहुंचकर देवनाथ ने असलहे का कारोबार शुरू किया और उस असलहे को भी देवनाथ ने ही बनाया था जिससे गुलशन कुमार की हत्या हुई थी। बता दें, गुलशन कुमार की हत्या के आरोप में कोर्ट ने अब्दुल राशिद को उम्र कैद की सजा सुनाई है।