क्रूज़ ड्रग्स केस में आरोपी आर्यन खान की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है. हाई कोर्ट में करीब सवा चार बजे शाम में सुनवाई शुरू हुई. आर्यन खान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनसे कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ है. प्रदीप गाबा ने गेस्ट के तौर पर आर्यन को क्रूज पर बुलाया था. आर्यन की गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है.
इससे ठीक पहले एनसीबी ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर आर्यन की जमानत याचिका का विरोध किया. एजेंसी ने कहा कि वह (आर्यन खान) ना केवल ड्रग्स लेते थे, बल्कि उसकी अवैध तस्करी में भी शामिल थे.
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि जांच को प्रभावित करने के लिए आर्यन खान और शाहरुख खान की प्रबंधक पूजा ददलानी सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं. वहीं, आर्यन खान के वकीलों ने उच्च न्यायालय में अतिरिक्त नोट दाखिल करते हुए कहा कि एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और कुछ राजनीतिक हस्तियों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोपों से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
एनसीबी ने आर्यन खान की उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका के जवाब में मंगलवार को हलफनामा दाखिल किया. न्यायमूर्ति एनडब्ल्यू साम्ब्रे की एकल पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. एजेंसी ने हलफनामे में कहा कि मामले की जांच को पटरी से उतारने की गलत मंशा से इसे प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है.
एजेंसी ने कहा, ‘‘ प्रभाकर सैल के हलफनामे से यह स्पष्ट है.’’ मामले में ‘स्वतंत्रत गवाह’ प्रभाकर सैल ने एजेंसी के कुछ अधिकारियों पर वसूली करने की कोशिश का आरोप लगाया है. हलफनामे में पूजा ददलानी का जिक्र करते हुए कहा गया , ‘‘ ऐसा लगता है कि इस महिला ने जांच के दौरान गवाहों को प्रभावित किया है.’’
एनसीबी ने कहा कि जमानत याचिका बिना सोचे-समझे दायर की गई है. अभी तक की जांच में आर्यन खान के मादक पदार्थों की अवैध खरीद, तस्करी में शामिल होने और उसका सेवन करने की बात सामने आई है. जांच में प्रथम दृष्टया यह सामने आया है कि आर्यन खान अपने दोस्त अरबाज मर्चेंट से मादक पदार्थ खरीदता थे. मर्चेंट भी मामले में आरोपी है.
हलफनामे में कहा गया, ‘‘ याचिकाकर्ता (आर्यन खान) विदेश में कुछ ऐसे लोगों के सम्पर्क में था, जो मादक पदार्थों की अवैध खरीद के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े प्रतीत होते हैं.’’
हलफनामे में कहा गया कि आर्यन खान के पास से कोई ड्रग्स जब्त नहीं हुए, लेकिन वह ‘‘ साजिश का हिस्सा’’ थे. ‘‘ प्रथम दृष्टया जांच में पता चला है कि यह आवेदक ड्रग्स का केवल सेवन ही नहीं करता था, जैसा कि उन्होंने बताया था.’’ एनसीबी ने कहा कि प्रथम दृष्टया या अन्यथा उसे जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता. मामले की जांच कर रहे हैं और आरोपपत्र दाखिल करेंगे.
इस बीच, आर्यन खान के अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय में अतिरिक्त नोट दाखिल करते हुए कहा कि एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और कुछ राजनीतिक हस्तियों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोपों से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
नोट में कहा गया, ‘‘ याचिकाकर्ता नें अभियोजन विभाग में किसी सदस्य के खिलाफ भी कोई आरोप नहीं लगाया है.’’ उसमें कहा गया कि आर्यन खान का मामले के स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल से कोई संबंध नहीं है, जिसने वानखेड़े और अन्य अधिकारियों पर वसूली की कोशिश के आरोप लगाए हैं.