कांग्रेस पार्टी (congress party) से इस्तीफा (resignation) देने के बाद से गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) पर चौतरफा हमला जारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आजाद के फैसले को ‘विश्वासघात’ करार दिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि आजाद पार्टी को जोड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन वह कांग्रेस को तोड़कर बाहर निकल गए।
उन्होंने अपने ट्विटर पर जारी एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘हो सकता है कि आपके (आजाद) उन लोगों के साथ संबंध जुड़ गए हों, जिन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया है। हो सकता है आपके उन लोगों के साथ मधुर संबंध हो गए हों। आपने लिखा कि भारत जोड़ो अभियान न चलाकर कांग्रेस जोड़ो अभियान चलाना चाहिए, वो भी उस वक्त जब आप स्वयं कांग्रेस पार्टी तोड़कर निकल गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गुलाम नबी आजाद जी को कांग्रेस ने संगठन व सरकार में अनेक बार कई पदों से नवाजा। 2 बार लोकसभा सांसद बनाया, जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया। चुनाव की हार जीत से बचाकर 5 बार राज्यसभा सदस्य बनाया, उसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी, मुझे इस बात का बड़ा दुख है!’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी पर लगाये गए आजाद के आरोप निराधार हैं। आजाद ने जो इस्तीफा दिया और जो पत्र लिखा है, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।’’
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘‘आजाद के इस्तीफे से निराश हूं। इस समय पार्टी को छोड़ना उन फासीवादी ताकतों को मजबूती देना है, जो भारत के संवैधानिक तानेबाने और संविधान को नष्ट कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए बेहतर फैसला करना चाहिए था। गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया।