आतंकियों की साजिश, हमले को असर तनाव के रूप में दिखने लगा है। भारतीय सुरक्षा बल लगातार आतंकियों का सफाया कर रहे हैं। ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और गैर-मुस्लिमों पर हाल में हुए हमले महज संयोग नहीं है, यह पाकिस्तान का प्रयोग है। आने वाले दिनों में इस तरह के हमले और तेज करने की नापाक साजिश रची जा रही है। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी संगठनों के नेताओं से मुलाकात की है। आईएसआई ने उन्हें जम्मू-कश्मीर में और हमले करने को कहा है, जिनमें कश्मीरी पंडितों और गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाने को कहा गया है।
उनका निशाना कश्मीरी पंडित, सिख हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बैठक 21 सितंबर को हुई है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को आईएसआई और आतंकी संगठनों के बीच हुई इस गोपनीय बैठक की जानकारी मिली है। इस जानकारी के अनुसार एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि आईएसआई ने बड़ी संख्या में आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में लॉन्च करने का प्लान तैयार किया है। आईएसआई ने आतंकियों को टारगेट किलिंग बढ़ाने को कहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां साजिशों को पर्दाफाश कर रही हैं।
साजिश के तहत पुलिस, सुरक्षाबलों और खुफिया विभाग में काम कर रहे कश्मीरियों पर हमले करने को कहा गया है। गैर-कश्मीरी लोगों और बीजेपी-आरएसएस से जुड़े लोगों को भी निशाना बनाने को कहा गया है। अलर्ट के मुताबिक आईएसआई ने 200 लोगों की हिट लिस्ट तैयार की है, जिनकी हत्या से कश्मीर घाटी में तनाव पैदा किया जा सके। लोगों की हत्या कर खौफ पैदा करने के लिए कहा गया है। मीडिया कर्मियों के अलावा भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों के लिए मुखबिरी करने वालों को निशाना बनाने को कहा गया है। कथित तौर पर इस लिस्ट में कई कश्मीरी पंडितों के नाम शामिल हैं जो घाटी में समुदाय की वापसी के लिए सक्रियता से पैरवी कर रहे हैं। घाटी में वापसी करने वालों को निशाना बनाना है।
इस तरह दिया जाएगा अंजाम
आईएसआई और आतंकी संगठनों ने अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए ऐसे आतंकियों के इस्तेमाल करने का फैसला किया है जो अभी भारतीय सुरक्षाबलों के निशाने पर नहीं हैं। नये आतंकियों को आगे करने को कहा गया है। अलर्ट में कहा गया है कि यह दिखाने के लिए कि हमला घरेलू है, ऐसे कश्मीरी युवकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनका कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं है लेकिन वे आतंकियों के मददगार हैं। इसके लिए पिस्टल, ग्रेनेट आदि को उरी और तंगधार के इलाके से सीमा के इस बार भेजा जा रहा है। खुफिया एजेंसियों को भटकाने के लिए नए आतंकी संगठन इन हमलों की जिम्मेदारी लेंगे। आईएसआई की साजिश का खुलासा हो चुका है।