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हाईकोर्ट में 18 से 21 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित

उत्तराखंड हाईकोर्ट में 18 जनवरी से 21 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। हालांकि अवकाश के दिनों में आवश्यक मुकदमों की सुनवाई जारी रहेगी। इसके लिए जजों का मनोनयन कर दिया गया है।


मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के बाद मंगलवार को रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी आदेश के अनुसार 18 से 24 जनवरी तक न्यायमूर्ति एनएस धानिक, 25 से 31 जनवरी तक न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, 1 से 7 फरवरी तक न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, 8 से 14 फरवरी तक न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा और 15 से 21 फरवरी तक न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी आवश्यक मामलों की सुनवाई करेंगे। शीतकालीन अवकाश के दिनों में कोर्ट शनिवार, रविवार व राजपत्रित अवकाश को छोड़ अन्य दिनों खुली रहेगी।
सौरभ रिजॉर्ट्स, एसएस कुमार एंड कंपनी समेत अन्य को नोटिस
हल्द्वानी के एक पार्क का नियमविरुद्ध तरीके से व्यावसायिक उपयोग किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सौरभ रिजॉर्ट्स, एसएस कुमार एंड कंपनी, एसजीएस इंटरप्राइजेज सहित अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी ललित मोहन नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 1993 में एसएस कुमार एंड कंपनी (जिसके निदेशक हृदयेश कुमार थे) को एक पार्क लीज पर दिया गया था। इसमें गार्डन बनना था लेकिन कंपनी ने जिला प्रशासन से इस पार्क को फ्री-होल्ड करवा लिया और उसे व्यावसायिक कार्यों के लिए बेच दिया।

याचिका में कई अन्य पार्कों, जिनमें कृष्णा हॉस्पिटल के सामने का पार्क आदि मुख्य हैं, उनमें भी वाहन पार्किंग और अन्य गतिविधियां होने का जिक्र किया गया है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एसएस कुमार एंड कंपनी, सौरभ रिजॉर्ट्स, एसजीएस इंटरप्राइजेज सहित अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

अधिकृत दुकानों से ही किताबें को खरीदवाने के मामले में मार्च पहले सप्ताह में होगी सुनवाई
निजी स्कूलों से अधिकृत दुकानों से ही एनसीईआरटी की किताबें खरीदवाने के मामले में दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई मार्च प्रथम सप्ताह में होगी। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

नैनीताल के अभिभावक संघ ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि नैनीताल के निजी स्कूल प्रबंधन उनकी ओर से खरीदी गईं एनसीईआरटी की किताबों को मान्य नहीं कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन की ओर से अभिभावकों से कहा जा रहा है कि छात्रों की ड्रेस, स्कूल बैग, जूते और किताबें स्कूल से अधिकृत दुकानों से ही खरीदें। मुख्य न्यायाधीश ने अभिभावकों के इस पत्र को याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया, जिस पर न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।