संवाददाता-सूरज सिंह बाराबंकी: प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद अंतर्गत सिद्धौर ब्लाक की ग्राम पंचायत नूरापुर मैं समुदाय शौचालय बनाने के लिए सरकारी जमीन आवंटित की गई थी जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल जांच कि नहीं घर बैठे रिपोर्ट लगा दी अवैध कब्जा धारियों को खुश करने के लिए मोटी रकम के बल पर उच्च अधिकारियों को झूठी जांच भेज दी ।आपको बता दें कि जहां एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए पानी की तरह धन बहा रही है जिसको लेकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा रही है तो वही कुछ राजस्व विभाग के कर्मचारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।
जिसका जीता जागता उदाहरण बाराबंकी जनपद के हैदर गढ़ तहसील के अंतर्गत ब्लॉक सिद्धौर के ग्राम पंचायत नूरापुर का है जहां पर तेजाऊ रावत ग्राम प्रधान नूरा पुर ने थाना संपूर्ण समाधान दिवस तथा तहसील संपूर्ण समाधान दिवस उप जिलाधिकारी हैदर गढ़ जनसुनवाई मुख्यमंत्री पोर्टल तहसीलदार हैदर गढ़ मुख्य विकास अधिकारी बाराबंकी अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ आदि को लगभग एक दर्जन से ज्यादा शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि उनकी ग्राम पंचायत में गाटा संख्या 95, 125, 186, पर गांव के ही राजू सिंह पुत्र हरि बहादुर सिंह. राजेंद्र सिंह. नरेंद्र सिंह. वीरेंद्र सिंह पुत्र लक्ष्मी नारायण सिंह वह धर्मेंद्र सिंह पुत्र बलकरन सिंह आदि का अवैध कब्जा है.
जिस पर सामुदायिक शौचालय बनाना है तो कई बार क्षेत्रीय लेखपाल सहित उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया लेकिन क्षेत्रीय लेखपाल अजय नारायण वर्मा जो उच्च अधिकारियों को गुमराह करते हुए घर बैठे झूठी रिपोर्ट लगा दी और मौके पर जाना उचित नहीं समझा इसकी जानकारी जब ग्राम प्रधान को हुई जब उन्होंने लेखपाल द्वारा लगाए गए रिपोर्ट को जन सुविधा केंद्र से प्राप्त किया लेखपाल की इस कार्यशैली से सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य होने में बाधा उत्पन्न हो रही है तो वहीं सरकार के कर्मचारी ही उच्च अधिकारियों को गुमराह कर अवैध कब्जा धारियों को खुश करने में लगे हुए हैं.