कोरोना महामारी का कहर जहां एक बार फिर से तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजनीति जगत को बड़ा झटका लगा है. दरअसल दिग्गज नेता अहमद पटेल (Ahmed patel Died) ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. दरअसल महीनेभर पहले की बात है, जब कांग्रेस नेता अहमद पटेल कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. संक्रमित होने के चलते उन्हें इलाज के लिए असपताल में ही भर्ती करवाया गया था. लेकिन हाल ही में अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल की तरफ से ट्विटर के जरिए ये बयान दिया गया है कि, उनके पिता अहमद पटेल का आज सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर निधन हो गया है.
खबरों की माने तो अहमद पटेल (Ahmed patel) को ट्रीटमेंट के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एडमिट करवाया गया था, जहां उनका उपचार किया जा रहा था. बता दें कि फैजल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा है कि, वो इस बारे में बहुत दुखी मन से बता रहे हैं कि, उनके पिता अहमद पटेल की दुखद और असामयिक मृत्यु हो गई है. इसके साथ ही फैजल पटेल ने ये भी बताया कि, उनके पिता का निधन 25 तारीख की सुबह 3 बजकर 30 पर हुआ था.तकरीबन एक महीने पहले की बात है, जब पिता कोरोना वायरस (Ahmed patel Corona Positive) से संक्रमित हुए थे. ऐसे में जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करवाया गया तो उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और वे मल्टी ऑर्गन फेलियर (Multi organ failure) से ग्रसित हो गए थे.
इसके आगे अपने ट्विट में फेजल ने ये भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपने पिता को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां अहमद पटेल की मृत्यु हो गई. फिलहाल फैजल पटेल की तरफ से ये खास आग्रह किया गया है कि, कोरोना से संबंधित सभी गाइडलाइंस का सही तरीके से पालन किया जाए.खासकर लोग भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा सांसद और कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष थे. 15 नवंबर को वो आईसीयू में एडमिट किए गए थे.
1 अक्टूबर की बात है, जब अहमद पटेल ने ट्वीट कर खुद ये बताया था कि, वो कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि, ‘मैं कोरोना पॉजिटिव हुआ हूं, मैं निवेदन करता हूं कि जो मेरे नजदीकी संपर्क में आए हैं वे खुद को आइसोलेट कर लें.”फिलहाल बात करें अहमद पटेल के उपलब्धियों की तो, 71 साल की उम्र में उन्होंने तीन बार लोकसभा की सदस्यता हासिल की, और 5 बार राज्यसभा के सांसद बनें. इसके बाद साल 2018 के अगस्त महीने में उन्हें कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष चुना गया था. पहली बार महज 26 साल की उम्र में वो भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. उन्हें कांग्रेस के परिवार का विश्वसनीय नेता माना जाता था.