मंदिर की साफ सफाई के बाद लोगों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। मंदिर की सुरक्षा के लिए फोर्स तैनात की गई है।
बाबरी विध्वंस के बाद 1992 में संभल में हुए दंगे के बाद से बंद मोहल्ला कछवायन स्थित प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर को 32 साल के बाद मंगलवार को प्रशासन ने खुलवा दिया है। मंदिर की साफ सफाई के बाद लोगों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। मंदिर की सुरक्षा के लिए फोर्स तैनात की गई है।
नगर निवासी सुमित कुमार सैनी ने बताया कि 1992 से पहले मोहल्ला कछवायन में मिश्रित आबादी थी। यहां पर सैनी समाज के 200 परिवार रहते थे। लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद दंगा भड़का तो मोहल्ला मुस्लिम बहुल होने के चलते सैनी समाज के लोग काफी डर गए थे। जिसके बाद लोगों ने धीरे-धीरे पलायन शुरू कर दिया।
कुछ ही समय में सैनी समाज के सभी परिवार अपने मकान मुस्लिमों को बेचकर हिंदू बहुल इलाकों में जाकर बस गए। जिसके बाद मंदिर बंद हो गया था। मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण सैनी समाज के लोग नियमित पूजन नहीं करने के लिए आते थे।
बताया कि मंदिर में लगे ताले की चाबी उनके भाई कल्लूराम सैनी के पास रहती है। त्योहार के अवसर पर ही मंदिर को खोला गया है। 32 साल से नियमित पूजा नहीं की गई है। अब पुलिस-प्रशासन की पहल से इस मंदिर को खोला गया है। अब नियमित पूजन किया जाएगा।
मंदिर बंद पड़ा था। इसकी सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस की देखरेख में मंदिर की सफाई कराई गई है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं। अब लोगों ने नियमित पूजन करने की तैयारी की है।
-कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी, संभल