मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, सौर ऊर्जा व पिरूल ऊर्जा नीति से लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाय। सरकार की इन जन महत्वकांक्षी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। एलईडी ग्राम लाईट योजना के तहत जिन स्थानों पर प्रोडक्शन का कार्य शुरू हो चुका है। उन स्थानों पर सीडीओ एवं सबंधित विभागीय अधिकारी जाकर महिला स्वयं सहायता समूहों से कार्य में आ रही समस्याओं की जानकारी लें। ताकि उनका शीघ्रता से निवारण हो सके।
उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में कुछ क्षेत्र हब के रूप में विकसित करने होंगे। एलईडी ग्राम लाईट योजना के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को उचित प्रशिक्षण, रॉ मेटिरियल एवं सप्लाई चेन की व्यवस्था करनी होगी। स्थानीय स्तर पर लोगों की आय में वृद्धि के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने होंगे। त्योहारों के सीजन के दृष्टिगत स्थानीय स्तर पर बनाये गये उपकरणों की मार्केंटिंग के लिए स्वयं सहायता समूहों को सहयोग दिया जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बिजली चोरी को रोकने के लिए सभी जनपदों में सघन अभियान चलाया जाय। इसके लिए दोषियों पर सख्त कारवाई की जाय। विद्युत विभाग के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाय। विद्युत लाईनों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस योजना बनाई जाय। विद्युत लाईनों की नियमित जांच, आवश्यकतानुसार अंडर ग्राउण्ड केबलिंग की व्यवस्था की जाय। विद्युत लाईनों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं पर निर्धारित मानकों पर क्षतिपूर्ति एक सप्ताह के अन्दर दिया जाय। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी। यह सुनिश्चित किया जाय कि दुर्घटना के कारणों की जांच रिपोर्ट सबंधित क्षेत्र के विद्युत विभाग के अधिकारियों से शीघ्र उपलब्ध हो। बिजली के बिल की रशीद लोगों तक नियमित रूप से पहुंचे। पिरूल नीति से 40 हजार से अधिक लोगों के आय के संसाधन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इससे बिजली उत्पादन के साथ ही अनेक पर्यावरणीय लाभ भी हैं। पिरूल एकत्रीकरण से स्थानीय स्तर पर महिलाओं के आय के संसाधन बढ़े हैं।
सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने कहा कि विभागों को की-परफार्मेंस इंडिकेटर दिये जाने से उर्जा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है। विद्युत उत्पादन में वृद्धि हुई है। यूजेवीएनएल, यूपीसीएल, पिटकुल एवं उरेडा निर्धारित लक्ष्यों के हिसाब से अच्छा कार्य कर रहे हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत उपलब्धता की स्थिति बहुत अच्छी है।