प्रभु राम के भक्तों ने 22 को शान ओ शौकत से निकलने का मन बना लिया है। नौंघड़ा, शिवाला व जनरलगंज में इसकी बानगी दिखने लगी है। कारोबारियों की माने तो पगड़ी के फैशन की वजह से कारोबार में लगभग तीन गुना की बढोत्तरी हो गई है।
बाजार में सबसे ज्यादा मांग इस वक्त दफ्ती की पगड़ी की हो रही है। यह पगड़ी 22 को यात्रा निकाल रहे लोग पहनेंगे। इसके अलावा केसरिया रंग की राजस्थानी पगड़ी की भी खरीदारी हो रही है। यह पगड़ी संगठन के पदाधिकारियों के पहनने के लिए खरीदी जा रही है। कारोबारी मयंक गुप्ता और प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि बाजार में 40 रुपये से लेकर 2 हजार रुपये तक की पगड़ी मौजूद हैं। सबसे ज्यादा मांग कम रेट में मिलने वाली पगड़ियों की हो रही है।
गणतंत्र दिवस का बाजार ठंडा
कारोबारियों ने बताया कि इस सीजन में सबसे अधिक तिरंगी पगड़ी की मांग अधिक होती थी। इस बार 22 को लेकर ऐसा पहली बार हो रहा है कि बाजार में तिरंगी पगड़ी बहुत कम बिक रही है। इसी तरह तिरंगे बैज, तिरंगी पट्टिका, तिरंगा बैंड सभी माना जा रहा है कि 22 के बाद ही बिकेगा।
सहालग का भी असर
थोक पगड़ी बाजार में सहालग की वजह से ही बहार आई है। बारातों में पहली जाने वाली पगड़ी की भी अचानक मांग बढ़ गई है। यह पगड़ी पूरी कपड़े की होती है। खास बात यह है कि बारात में पहने जाने वाली पगड़ियों को भी इस बार लोग केसरियां रंग की मांग रहे हैं। बारात वाली पिंक और पीले रंग की पगड़ी बाजार में नहीं बिक रही है।