जेल जाने से पहले जनसुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने जेल में आमरण अनशन जारी रखने की बात कही। साथ ही एनडीए सरकार पर हमला भी बोलते हुए स्पष्ट कहा कि यह लाठीतंत्र चलाने वाले नीतीश और भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने का अभियान है। प्रशांत किशोर ने पटना पुलिस पर बयान दिया। कोर्ट, बेल और पीआर बॉन्ड की बात भी की। गांधी के सत्याग्रह की याद दिलाते उन्होंने नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश की।
प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी मैदान में हमलोग पिछले पांच दिनों से शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रहे थे। मैं अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठा था। सोमवार सुबह करीब चार बजे पटना पुलिस आई और कहा कि हमलोगों के साथ चलिए। हमलोग साथ गए। पुलिसवालों को व्यवहार अच्छा रहा। प्रशांत किशोर थप्पड़ विवाद का भी खंडन किया है। उन्होंने कहा कि थप्पड़ मारने की बात गलत है। मेरे एक साथ ने उत्साह में मेरा हाथ पकड़ा था। पुलिस हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। पुलिस से हमारी कोई लड़ाई नहीं है। गांधी मैदान से पटना पुलिस मुझे पटना एम्स लेकर गई। वहां डेढ़ घंटे तक बैठाकर रखा गया। एम्स प्रबंधन ने मुझे भर्ती लेने से मना कर दिया। इसके बाद पटना पुलिस तीसरी जगह ले जाने की कोशिश करने लगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना एम्स से निकले के बाद से पुलिस का व्यवहार गलत हुआ। पुलिस करीब साढ़े पांच बजे से 11 बजे तक अलग-अलग जगहों पर मुझे घुमाती रही। मैं बार-बार पूछता रहा लेकिन मुझे सच नहीं बताया गया। वह मुझे पीएमसीएच और एनएमसीएच में ले जाने की बात कहते रहे। करीब पांच घंटे के मुझे फतुहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के लिये लेकर गए। यहां मैंने डॉक्टर से कहा कि मैं पिछले पांच दिन से अनशन पर बैठा हूं। मैंने डॉक्टरों को परीक्षण की इजाजत नहीं दी। पुलिसवालों ने परीक्षण का सर्टिफिकेट गैरकानूनी तरीके से लेने की कोशिश की। लेकिन, डॉक्टरों ने सर्टिफिकेट नहीं दिया। इसके बाद मेरा बयान रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद अलग-अलग रास्तों से घुमाकर सिविल कोर्ट लाया गया।