जम्मू कश्मीर के राजौरी आतंकी हमले के बाद सेना ने जंगलों की घेराबंदी शुरू कर दी है. आतंकियों को पकड़ने के लिए बड़ी संख्या में जवान जंगल की तलाशी ले रहे हैं. राजौरी सेक्टर के भाटा धुरियां में कांडी जंगल में शनिवार को जवान घुस आतंकियों को ढूंढ रहे हैं. इस बीच पता चला कि राजौरी हमले को लश्कर के पीओकी विंग ने अंजाम दिया है, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए. लश्कर का यह मॉड्यूल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली में स्थित बताया जाता है.
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है लश्कर का कोटली विंग सीमा पार से कांडी जंगलों के जरिए आतंकावाद फैलाता है. इस मॉड्यूल को लश्कर कमांडर हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद जट्ट उर्फ साजिद लंगड़ा हैंडल करता है. उसके साथ रफीक नाई उर्फ सुल्तान भी देता है जो अभी पाकिस्तान में रह रहा है. पाकिस्तान के पंजाब का रहने वाला साजिद जट जम्मू-कश्मीर में लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर है.
भर्ती, हथियार, तस्करी का देखता है काम
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वह दक्षिण कश्मीर में भर्ती, हथियार, तस्करी और आतंक के वित्तपोषण जैसी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है. उसने एक कश्मीरी महिला से शादी की है और वह कश्मीर में आतंकवादी कैडर के लिए जम्मू क्षेत्र में हथियार और गोला-बारूद गिराने भेजने का भी काम करता है. वह भारतीय सुरक्षा बलों पर राजौरी हमलों के पीछे मुख्य संदिग्ध है. एक अन्य संदिग्ध के रूप में रियाज अहमद का नाम भी सामने आ रहा है, जो पीओके के मीरपुर-कोटली में रह रहा है.