गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के इस्तीफे (resignation) के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कांग्रेस (Congress) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अशोक शर्मा (Ashok Sharma) ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर संगठन से इस्तीफा दे दिया। वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के ‘विचार विभाग’ के राष्ट्रीय समन्वयक और प्रदेश कार्यकारी समिति के सदस्य भी थे। उन्होंने अपने इस निर्णय को दर्दनाक बताते हुए पार्टी की मौजूदा स्थिति को अपरिहार्य कहा।
बता दें कि गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर के एक पूर्व उपमुख्यमंत्री, आठ पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, नौ विधायकों, बड़ी संख्या में पंचायती राज संस्थान के सदस्य, नगर निगम पार्षद और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया है। शर्मा भी इसी खेमे में शामिल हो सकते हैं। गुलाम नबी आज़ाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी के पूरे सलाहकार तंत्र को ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी पर भी हमला किया था।
अशोक शर्मा ने 1996 में राजौरी जिले के कालाकोट निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता था। उन्होंने अपने पत्र में कहा, “मैं अपनी पार्टी को दिल से प्यार करता था। दशकों तक जमीनी स्तर पर इसे बनाने के लिए लड़ता रहा।”
इस बीच जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने शनिवार को अपने एक वरिष्ठ नेता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया। प्रांतीय अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कहा, “प्रांतीय सचिव फारूक अहमद ख्याल बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पार्टी की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रहे हैं। दूसरी ओर वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।” खयाल को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करते हुए मंजीत सिंह ने कहा कि यह निर्णय पार्टी के हित में लिया गया है।