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इजरायल ने बेरूत में PM ऑफिस-संसद भवन और दूतावासों को बनाया निशाना

इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष में नया मोड़ आ गया है। सोमवार देर रात इजरायली सेना ने लेबनान की राजधानी बेरूत के केंद्रीय इलाके में बड़े हवाई हमले किए। इन हमलों में संसद भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, और कई विदेशी दूतावासों को निशाना बनाया गया। लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के मुताबिक, बेरूत के जौक अल-ब्लाट इलाके में दो मिसाइलें गिरीं। यह इलाका संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और कई महत्वपूर्ण राजनयिक स्थलों के करीब है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, विस्फोट के बाद पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई, जबकि एम्बुलेंस की आवाजें गूंजती रहीं। हालांकि, हताहतों की आधिकारिक संख्या अब तक सामने नहीं आई है।

हमले के कुछ ही मिनटों बाद, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की। उन्होंने कहा,  “हम उम्मीद करते हैं कि सभी देश और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लेबनान पर हो रहे इन खूनी और विनाशकारी हमलों को रोकें और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को लागू करवाएं।”  यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब हिज़बुल्लाह और इजरायल के बीच संघर्ष तेज हो गया है। रविवार को रास अल-नबा इलाके में इजरायली हमले में हिज़बुल्लाह के मीडिया प्रवक्ता मोहम्मद अफीफ और छह अन्य लोगों की मौत के बाद तनाव और बढ़ गया। इजरायली सेना ने हाल ही में हिज़बुल्लाह के ठिकानों से रूसी हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया है। इनमें उन्नत **कोर्नेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें** शामिल हैं। यह हथियार सीरिया से हिज़बुल्लाह तक पहुंचे हैं, जहां रूस ने लंबे समय से सीरियाई सेना को सैन्य सहायता दी है।

सीरियाई गृहयुद्ध में रूस और हिज़बुल्लाह ने राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन किया था। माना जा रहा है कि सीरियाई सेना के माध्यम से ये हथियार हिज़बुल्लाह तक पहुंचे। इजरायली सेना के अनुसार, जमीनी हमले के शुरुआती दिनों में जब्त किए गए 60-70% हथियार रूसी निर्मित थे।  इजरायल ने संकेत दिया है कि जब्त किए गए रूसी हथियारों को यूक्रेन को सौंपा जा सकता है। इजरायली उप विदेश मंत्री शेरेन हास्केल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। हालांकि, सरकार में इस मुद्दे पर गहरी असहमति है।  सीरिया में मौजूद रूसी सेना के बावजूद, इजरायल ने रूस के साथ संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। हालांकि, रूस ने 7 अक्टूबर को गाजा में हमास हमलों के जवाब में इजरायली सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है।