बंधकों की रिहाई तक जमीनी हमला करने से बच रहे इस्राइल (Israel) ने गाजा (Gaza) में रविवार को रातभर बम बरसाए (bombing overnight)। इस्राइली सेना ने कहा, हमास के 320 ठिकानों को निशाना (320 Hamas hideouts destroyed) बनाया गया। इनमें आतंकियों की सुरंगें, कमांड सेंटर और निगरानी चौकियां शामिल हैं। इस्राइल की थल सेना ने हमले से पहले गाजा में छापे भी मारे। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, इस्राइल ने तीन बड़े अस्पतालों (Three big hospitals) के आसपास और कई रिहाइशी इमारतों को भी निशाना बनाया। इसमें 182 बच्चों (182 children) समेत 436 फलस्तीनियों की मौत (Death of 436 Palestinians) हो गई।
इस्राइली सेना के मुख्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने सोमवार को कहा, बंधकों का पता लगाने के लिए टैंक व पैदल सेना ने गाजा के अंदरूनी भागों तक छापे मारे। इस दौरान कई आतंकी मारे गए। लेबनान में भी आतंकियों के 8 ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए। हिज्बुल्ला ने अपने दो ठिकाने नष्ट होने और एक शीर्ष कमांडर के मारे जाने की बात कही है।
चिकित्सा आपूर्ति के अभाव में बंद हो चुके हैं गाजा के सात बड़े अस्पताल
गाजा के अधिकांश अस्पताल जहां बंद हो चुके हैं वहीं कुछेक अस्पतालों में बिजली-जनरेटर संकट के चलते ऑक्सीजन या जरूरी मेडिकल आपूर्ति रुक गई है। डॉक्टर सिलाई वाली सुई से सर्जरी कर रहे हैं और सिरके से डिसइन्फेटैंट का काम ले रहे हैं।
मिस्र के राफा सीमा से मानवीय मदद की तीसरी खेप सोमवार को गाजा पहुंच गई, लेकिन इस्राइल की तरफ से ईंधन की आपूर्ति पर पाबंदी के कारण गाजा के अस्पताल बेहाल हो चुके हैं। ईंधन की किल्लत से जलापूर्ति और साफ-सफाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
गाजा के अस्पताल घायलों और विस्थापितों से अटे पड़े हैं। उधर, यहां चिकित्सा आपूर्ति की भारी किल्लत है। आलम यह है कि चिकित्सकों को सिलाई वाली सुई के सहारे सर्जरी करनी पड़ रही है। रोगाणुनाशक (डिसइन्फेटैंट) की जगह पर सिरका (वेनिगर) का इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़े ऑपरेशन भी बिना एनेस्थीसिया के करने पड़ रहे हैं। गाजा पट्टी के मध्य में स्थित अल-अक्सा अस्पताल के नवजात शिशुओं के वार्ड में इन्क्यूबेटर में रखे नवजात शिशु बेहाल हैं। उन तक आवश्यक दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। अस्पताल के निदेशक इयाद अबू जहार इस बात को लेकर आशंकित हैं कि जनरेटर बंद हो जाने पर वार्ड में मौजूद शिशुओं की मृत्यु हो जाएगी। उन्होंने कहा, अस्पताल में 130 बच्चों की जान अत्यंत जोखिम में है।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के पास तीन दिनों से ईंधन नहीं
फलस्तीनी शरणार्थियों की मदद करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि गाजा में उसके पास तीन दिनों से ईंधन उपलब्ध नहीं है। ईंधन के बिना पानी का संकट पैदा हो गया है और अस्पताल का कामकाज भी नहीं हो रहा है। फिलीप लजारिनी ने कहा कि ईंधन के बिना हम फलस्तीन के लोगों की मदद नहीं कर पाएंगे।
अमेरिका का इस्राइल को समर्थन, मानवीय कानून जरूरी
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और इटली के नेताओं ने हमास के खिलाफ खुद की रक्षा के इस्राइल के अधिकार का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने इस्राइल से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया। राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा कनाडाई पीएम जस्टिन त्रूदो, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलनी और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से फोन पर चर्चा के बाद साझा बयान में यह बात कही।
अमेरिकी सेना को निशाना बनाया तो हालात से निपटेंगे
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि उनके देश को आशंका है कि युद्ध में ईरान की परोक्ष भागीदारी की आशंका है। उन्होंने कहा, यदि अमेरिकी सैन्य कर्मियों को निशाना बनाया गया तो बाइडन प्रशासन उसका जवाब देने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने की रक्तदान की अपील
गाजा के अस्पतालों के ब्लडबैंक लगभग खाली हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को लोगों से रक्तदान की अपील की है। मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसायटी से भी अस्पतालों तक रक्त पहुंचाने की अपील की है।
3 अस्पतालों के पास हमले
फलस्तीनी मीडिया ने बताया कि इस्राइली युद्धक विमानों ने सोमवार को गाजा पट्टी में तीन अस्पतालों के पास के इलाकों पर बमबारी की। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अस्पतालों को नुकसान हुआ है या नहीं। बताया गया कि इस्राइल ने गाजा शहर के अल-शिफा और अल-कुद्स अस्पतालों के पास तथा एन्क्लेव के उत्तर में इंडोनेशियाई अस्पताल के पास हमला किया। इस बमबारी से गंभीर क्षति और चोटें आने की खबरें हैं।
शरणस्थल पर भी किए भीषण हमले
इस्राइली युद्धक विमानों ने सोमवार को जिन इलाकों में हमले किए उनमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां फलस्तीनी नागरिकों को शरण लेने के लिए कहा गया था। यह हमला फलस्तीन के हमास शासित क्षेत्र में मानवीय सहायता की एक और खेप ले जाने की अनुमति देने के बाद किया गया। इस्राइली हमलों के चलते हालात बेकाबू हैं।