कोरोना काल में लोगों ने ट्रेनों से दूरी बनाई रखी, लेकिन फिर जैसे-जैसे हालात सामान्य हुए सफर फिर शुरू हुआ। इस दौरान यात्रियों ने अपनी सेवाओं में सुधार की कोशिश की। रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी ध्यान दे रहा है। ताजा खबर इसी से जुड़ी है। जानकारी के मुताबिक, अब चलते ट्रेन में यात्रियों को डॉक्टर की सुविधा मिलेगी। Indian Railways के मुताबिक, चलती ट्रेन में तबीयत खराब होने पर कंट्रोल रूम में फोन कर यात्री चिकित्सकीय सेवा से सकता है। हालांकि इसके लिए यात्री को अब जेब ढीली करनी होगी। रेलवे ने डॉक्टर के लिए 100 रुपए की कंसल्टेशन फीस तय की है, जो नकद देनी होगी। वहीं दवाओं का खर्च अलग से होगा। Indian Railways ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब इमरजेंसी सेवा बड़े-छोटे स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जा रही है।
जानिए क्या कहता है Indian Railways का नया नियम
Indian Railways के नए नियम के अनुसार, अगर कोई यात्री बीमार होता है तो टीटीई इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देगा। इसके बाद अगले स्टेशन पर डॉक्टर उसका इलाज करेंगे। इलाज के बाद स्टॉफ यात्री से 100 रुपए लेकर ईएफटी यानी एक्सेस फेयर टिकट बनाएगा और पर्ची यात्री को देगा। इस संबंध में वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि मेडिकल सेवा के बदले 100 रुपए फीस देनी होगी, जिसकी रसीद यात्रियों को दी जाएगी। वहीं दवा का भी बिल यात्रियों को स्वयं भरना होगा। अगर रेल दुर्घटना हुई तो रेलवे की ओर से डॉक्टरी मदद मुहैया कराई जाएगी। ऐसी स्थिति में कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और पूरा इलाज कराया जाएगा। रेलवे ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि अक्सर मामूली सी तबीयत खराब होने पर यात्रियों द्वारा कंट्रोल रूम में फोन कर चिकित्सकीय सेवा नजदीक के स्टेशन पर ली जाने लगी है। इससे रेलवे को समय के साथ आर्थिक नुकसान होता है।