संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के प्रतिनिधि जावेद बेग ने पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों (Hindu and Christian minorities) के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया, जिसमें जबरन धर्मांतरण, अपहरण (Conversion, kidnapping) और हिंसा की घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ईसाई समुदाय की चुप्पी पर भी सवाल किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि जावेद बेग ने पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं के उत्पीड़न का मामला में उठाया है। स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 58वें सत्र से पहले पाकिस्तान के ईसाई और हिंदू अल्पसंख्यकों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बेग ने कहा, पाकिस्तान में हिंदुओं और ईसाइयों की स्थिति भयावह है।
बेग ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, पाकिस्तान में हिंदुओं और ईसाइयों को लगातार हिंसा, उत्पीड़न, जबरन धर्मांतरण, अपहरण और यहां तक कि हत्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दोनों समुदायों को अल्पसंख्यक माना जाता है, जो देश की कुल आबादी का केवल 3 प्रतिशत हैं।
ईसाई चर्च और हिंदू मंदिरों जैसे पूजा स्थलों को नियमित रूप से तोड़ा जाता है। इन धर्मों की युवा लड़कियों का अपहरण कर जबरन शादी के लिए मजबूर किया जाता है। बेग ने कहा, अंतरराष्ट्रीय इसाई समुदाय भी इस पर चुप है। ब्राजील, अमेरिका व रूस सहित 157 इसाई बहुल देशों में से किसी ने भी पाकिस्तान में ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर सार्वजनिक सवाल नहीं उठाया है।