जर्मनी की संसद ने विपक्ष के नेता फ्रेडरिक मर्ज (frederick merge) द्वारा पेश किए गए आव्रजन विधेयक (Immigration Bill) को खारिज कर दिया। यह विधेयक मौजूदा कानूनों में नियमों को सख्त करने के लिए पेश किया गया था। जर्मन संसद- बुडेस्टैग में विधेयक खारिज होना विपक्षी नेता मर्ज के लिए इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि वे जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। जर्मनी में 23 फरवरी को चुनाव होने हैं।
जर्मन प्रशासक ड्यूश वेल (डीडब्ल्यू) के हवाले से आई रिपोर्ट के मुताबिक, आव्रजन विधेयक का जर्मनी के दक्षिणपंथी दलों ने समर्थन किया था, जिसे संसद में 11 मतों से खारिज कर दिया गया। संसद में मतदान के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच कड़ी टक्कर हुई। इस विधेयक के खिलाफ 349 सांसदों ने और समर्थन में 338 ने मतदान किया।
‘इनफ्लक्स लिमिटेशन लॉ’ नाम के कानून बनाने पर जोर दे रहे मर्ज
डीडब्ल्यू के मुताबिक, क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी के नेता फ्रेडरिक मर्ज ‘इनफ्लक्स लिमिटेशन लॉ’ नाम के कानून बनाने पर जोर दे रहे हैं। इसका मकसद सभी पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों पर अंकुश लगाना है। शरणार्थी बनकर आने वाले लोगों को भी जर्मनी में न रखने की वकालत करने वाले मर्ज का मानना है कि जर्मनी की सीमा पर स्थायी नियंत्रण के उपाय किए जाने चाहिए।
मर्ज को 30 फीसदी समर्थन मिलने का अनुमान: सर्वे
जर्मनी में हाल ही में हुए सर्वे के मुताबिक, मर्ज को 30 फीसदी समर्थन मिलने का अनुमान है और वे चांसलर बनने के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार माने जा रहे हैं। डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) को 20 फीसदी समर्थन मिलने का अनुमान है।
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट मुताबिक, जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव मुत्जेनिच ने विधेयक की अस्वीकृति को मर्ज की बड़ी हार बताया। उन्होंने कहा, ‘मर्ज आज दो बार विफल हुए हैं। वह जर्मन संसद- बुंडेस्टैग में बहुमत हासिल करने में विफल रहे।’ इसके अलावा, एएफडी के नेता एलिस वीडेल ने भी मर्ज की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संसद का निर्णय फ्रेडरिज मर्ज के लिए एक बड़ा झटका है।
जर्मनी के चुनाव में एलन मस्क ने भी दिखाई रुचि
जर्मनी के चुनाव में अमेरिका के अरबपति एलन मस्क भी रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने एएफडी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि एएफडी देश की सबसे उम्मीद है।
बता दें कि जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने दिसंबर, 2024 में हुए शक्ति परीक्षण के दौरान जर्मन संसद में विश्वास मत खो दिया था। शोल्ज के विश्वास मत खोने के कारण निर्धारित समय से सात महीने पहले आम चुनाव कराने की नौबत आई है। शोल्ज का कार्यकाल सितंबर में पूरा होना था। दिसंबर के शक्ति परीक्षण से पहले 6 नवंबर को तीन दलों वाला गठबंधन टूट गया था और शोल्ज की सरकार अल्पमत में आ गई थी। जर्मन संसद में 733 सीटों वाले निचले सदन (बुंडेस्टैग) में शोल्ज को बहुमत के लिए 367 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन उन्हें केवल 207 सांसदों का समर्थन मिला। 394 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया, जबकि 116 सांसदों ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया।