भले ही कोरोना वायरस का टीका अभी तक उपलब्ध नहीं हुआ है, लेकिन इसे लेकर पहले से ही मैराथन स्तर पर उत्पादन शुरू हो चुका है। स्थिति यह है कि देश में 6 करोड़ लोगों के लिए डोज बनाने की पहले ही तैयार हो चुकी है। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक भी शामिल है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अब तक साढ़े चार करोड़ डोज तैयार कर ली है, वहीं बायोटेक ने इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। इनके अलावा रूस का स्पूतनिक-5 टीका भी उत्पादन की स्थिति में है। दो दिन पहले ही इस टीका की डोज दिल्ली पहुंची है जिनका इस्तेमाल तीसरे चरण के परिक्षण के लिए किया जाएगा।
टीका उत्पादन की इस गति को देख कहा जा सकता है कि पिछले कई महीनों से चली आ रही कोरोना वायरस की लड़ाई अब अंतिम पड़ाव के बेहद नजदीक पहुंच चुकी है। आने वाले दिनों में लोगों को एक से ज्यादा कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध हो सकता है। दो से तीन चरणों में टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है। संभावना यहां तक है कि अगले वर्ष तक बाजार में अलग-अलग कंपनियों के टीके भी उपलब्ध हो सकते हैं। लेकिन सरकार के स्तर पर तय की योजना के अनुसार सबसे पहले देश के 30 करोड़ लोगों को टीका मिलेगा। राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य व आईसीएमआर के वैज्ञानिक ने बताया कि दूसरे चरण का सफल परीक्षण पूरा होने के बाद टीके तीसरे चरण की ओर हैं उनके उत्पादन शुरू हो चुके हैं।
चूंकि भारत समेत पूरी दुनिया को कोविड-19 के टीके का इंतजार है। ऐसे में बाजार की मांग को नजरदांज भी नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर टीका सफल नहीं होता है तो उक्त टीकों का एडवांस उत्पादन भी फेल हो सकता है।
हालांकि इसकी आशंका इसलिए भी कम है क्योंकि दो चरणों के संतोषजनक परिणाम मिलने के बाद ही उत्पादन शुरू किया जा रहा है। कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए इस समय दुनिया भर में 155 टीकों पर शोध चल रहा है जिनमें से 47 चरणबद्ध परीक्षण की स्थिति में हैं। इनमें फाइजर, बायोटेक, भारत बायोटेक, ऑक्सफोर्ड, स्पूतनिक-5 इत्यादि शामिल हैं। फाइजर ने अब तक के परीक्षणों के आधार पर 90 फीसदी सफलता का दावा किया है।