उत्तर भारत के 18 किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के संयुक्त निमंत्रण पर 2 जनवरी को जंडियाला गुरु दाना मंडी में किसान मजदूर संघर्ष की ओर से प्रदेश नेता सरवन सिंह पंढेर, जिला नेता सचिव सिंह कोटला समिति पंजाब। बाज सिंह सारंगरा के नेतृत्व में जिला अमृतसर ने गांव ख्यालां कला में 4 जोनों का एक सम्मेलन आयोजित किया और किसान मजदूरों और महिलाओं को एकजुट किया। इस मौके पर नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार किसानों और खेत मजदूरों को खत्म कर कृषि क्षेत्र और कॉरपोरेट पर कब्जा करने में लगी है, लेकिन संगठन बड़े संघर्ष के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि कृषि मजदूरों से जुड़ी मांगों में मुख्य रूप से सभी फसलों की खरीद और एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमतें 2+50त्न, खेत मजदूरों की संपूर्ण कर्ज मुक्ति, न्याय शामिल हैं. लखीमपुर खीरी नरसंहार के लिए, भारत को डब्ल्यूटीओ समझौतों से बाहर रखा जाए, दिल्ली मोर्चे के दौरान पुलिस मामलों को रद्द किया जाए, बिजली बिल 2020 को पूर्ण रूप से रद्द किया जाए, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए, फसल बीमा योजना लागू की जाए, भूमि अधिग्रहण कानून बनाया जाए।
किये गये बदलावों को वापस लेने और उन्हें 2013 की तर्ज पर लागू करने समेत अन्य अहम मुद्दों पर सरकार से लडऩा होगा. उन्होंने अपील की कि सभी संगठित और असंगठित लोग आज गांवों में गुटबाजी छोडक़र जन आंदोलन का हिस्सा बनें. इस मौके पर नेता कुलजीत सिंह कालेघनुपुर, गुरलाल सिंह कक्कड़, कुलबीर सिंह लोपोके, सुखविंदर सिंह कोल्लों वाल, नरिंदर सिंह भिटेवड, जसमीत सिंह रानी मौजूद थे।