योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट इंटरनेशनल फिल्म सिटी के इस साल के अंत यानी दिसंबर तक निर्माण शुरू होने के आसार बन रहे हैं। परियोजना के लिए यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से फाइनल डीपीआर 8 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। इसके बाद तय होगा कि यह विश्वस्तरीय परियोजना किसी रूप में व किस तरह बनेगी। साथ ही इसके वित्तीय प्रबंधन का मॉडल भी तय होगा।
यह सब तय होने के बाद ग्लोबल टेंडर के जरिए डवलपर चयन का काम होगा। इसके बाद दिसंबर तक इसका शिलान्यास करा कर प्रथम चरण का निर्माण शुरू कराया सकता है। प्राधिकरण के पास पहले से ही विवाद रहित 1000 एकड़ जमीन ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 21 में है। बताया जा रहा है फिल्म सिटी सरकार व निजी डवलपर मिल कर यानी पीपीपी मॉडल पर बनाएंगे। प्राधिकरण अपनी जमीन डवलपर को किन शर्तों पर नि:शुल्क देगा, यह भी तय होगा।
इस साल अमेरिका की कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस (सीबीआरई) ने फिल्म सिटी की प्रारंभिक डीपीआर तैयार की थी। अब यही कंपनी फाइनल डीपीआर तैयार कर प्राधिकरण को देगी। फाइनल डीपीआर में इस बात का उल्लेख होगा किस वित्तीय माडल पर इसे बनाया जाए। इसके लिए फंड की व्यवस्था का फार्मूला क्या होगा? फिल्म सिटी के प्रथम चरण, दूसरे चरण व तीसरे के निर्माण पर आने वाले खर्च का फाइनल ब्यौरा व निर्माण समय सीमा का विस्तृत ब्यौरा होगा। साथ ही और इसके संचालन, रखरखाव व फिल्म सिटी से आमदनी व रोजगार का हिसाब भी लगाया गया है। फिल्म सिटी को पर्यटन स्थल की रूप में भी विकसित किया जाएगा जैसे हैदराबाद में रामोजी फिल्म सिटी पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थल है।
यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि डीपीआर सरकार को जल्द सौंपी जाएगी। इसका अध्ययन कर शासन तय करेगा कि परियोजना को किस रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।
फिल्म सिटी में खास
-थ्री डी स्टूडियो
-360 डिग्री पर घूमने वाले सेट
-ओपेन व इंडोर स्टूडियो
-साउंड रिकार्डिंग, एडिटिग व एनिमेशन स्टूडियो
-फिल्म इंस्टीट्यूट व एम्यूजमेंट पार्क
-प्री प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक की आधुनिक सुविधा
-होटल व गेस्ट हाउस