भारतीय जनता पार्टी (BJP) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम पर पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगा दी है. वहीं अब पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव (By-election) लड़ने की चर्चा शुरू हो गयी है. क्योंकि राज्य में हुए चुनाव में धामी अपनी खटीमा सीट से चुनाव हार गए हैं. वहीं अब उनके पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट या चम्पावत सीट से उपचुनाव लड़ने की चर्चा है. ये भी कहा जा रहा है कि कपकोट और लालकुआं सीटों से भी चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं धामी की नजर कांग्रेस पर भी है, क्योंकि इसके जरिए वह अपने को और ज्यादा मजबूत कर सकते हैं. लिहाजा कांग्रेस में भी सेंधमारी का प्लान तैयार किया जा रहा है. राज्य में कांग्रेस के कुछ विधायक बीजेपी के संपर्क में बताए जा रहे हैं.
फिलहाल चुनाव हारने और सीएम के पद प्रमुख दावेदार माने जा रहे धामी के लिए चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी के पांच नवनिर्वाचित विधायकों ने सीट छोड़ने का ऐलान किया था. लिहाजा माना जा रहा है कि धामी के लिए आसानी से सीट खाली हो जाएगी. जानकारी के मुताबिक चम्पावत विधायक कैलाश गहटोडी, लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, जागेश्वर विधायक मोहन सिंह मेहरा, रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा और कपकोट सुरेश गाडिया पहले ही सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं. इसके साथ ही खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी अपनी सीट सशर्त छोड़ने की घोषणा की थी. जानकारी के मुताबिक डीडीहाट धामी के लिए सबसे उपयुक्त सीट मानी जा रही है और यहां उनका पैतृक गांव भी है.
चंपावत के विधायक कर चुके हैं सीट छोड़ने की पेशकश
ये भी चर्चा है कि धामी चंपावत सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि ये सीट खटीमा सटी है और बीजेपी का गढ़ माना जाती है. पार्टी का भी मानना है कि चंपावत सीट उनके लिए सुरक्षित और चंपावत के बीजेपी विधायक कैलाश गहटोडी ने धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं. वहीं बागेश्वर की कपकोट सीट से जीते सुरेश गाडिया ने भी धामी के लिए सीट छोड़ने का दावा किया था. ये सीट धामी के राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी की पारंपरिक सीट रही है.
कांग्रेस में भी सेंधमारी की तैयारी
फिलहाल पुष्कर सिंह धामी की नजर कांग्रेस पर भी बताई जा रही है. अगर वह कांग्रेस में सेंधमारी करने में सफल रहते हैं तो उनका कद पार्टी आलाकमान की नजर में और बढ़ जाएगा. लिहाजा माना जा रहा है कि धामी कांग्रेस के विधायक से सीट खाली करवाकर चौंका सकते हैं. फिलहाल राज्य में कांग्रेस के सत्ता से चूकने के बाद कुछ विधायक नाराज बताए जा रहे हैं. कुछ विधायक हरीश रावत और मौजूदा नेतृत्व से नाराज हैं.