जाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बीएसएफ के दायरे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है. नवजोत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एक राज्य के भीतर एक राज्य बनाने की कोशिश कर रही है. इससे देश का संघीय ढांचा कमजोर होगा. उन्होंने कहा कि लोग शांति और सुरक्षित तरीके से रह सकें ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
”बीएसएफ के बहाने परेशान करने की कोशिश”
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष ने केंद्र से सवाल पूछा कि क्या सीमा की परिभाषा 50 किलोमीटर है? सार्वजनिक व्यवस्था राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है ताकि लोग चैन से रह सकें. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के बहाने केंद्र सरकार पंजाब के लोगों को परेशान करना चाहती है. उन्होंने कहा कि पंजाब में झूठे मुकदमे होंगे और लोगों को बेमतलब गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के उदाहरण काफी हैं जिसमें लोगों को परेशान किया गया है.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस संबंध में ट्वीट किया है. उन्होंने कहा,”सरकार संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है. एक राज्य के अंदर एक और राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है. बीएसएफ का मतलब बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स. सीमा की परिभाषा क्या है? 50 किलोमीटर?”
”सुरक्षा के नाम पर संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन”
इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पश्चिम बंगाल का उदाहरण दिया और कहा कि पश्चिम बंगाल में बीएसएफ रोजाना सुरक्षा के नाम पर देश के संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन करता है और संभावना है कि पंजाब में भी यातना, झूठे मुकदमे, मनमानी नजरबंदी और अवैध गिरफ्तारी की घटनाएं होंगी. उन्होंने कहा कि बंगाल में ऐसे कई मामले हैं जहां बीएसएफ ने गोलीबारी की घटनाओं के बाद स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया. उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने पिछले पांच वर्षों में बीएसएफ पर यातना के कुल 240 मामले, न्यायेतर निष्पादन के 60 मामले और जबरन गायब होने के आठ मामले दर्ज किए थे. इनमें से 33 मामलों में एनएचआरसी ने पीड़ितों या उनके परिजनों को मुआवजे की सिफारिश की थी.
बहराहल पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू बीएसएफ के दायरे को लेकर काफी हमलावर नजर आ रहे हैं. वही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से बॉर्डर के नजदीक बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को लेकर नाराजगी जाहिर की है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से इस संबंध में यथास्थिति को बहाल करने की मांग भी की है.