माता-पिता अपने जिस लाल (बेटे) के लिए अगले महीने घोड़ी चढ़ने और सिर पर शादी का सेहरा बांधने के सपने देख रहे थे उसी घर में जब बेटे के शहीद होने की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया. जिस बेटे के लिए बारात की तैयारी चल रही थी अब उसी घर में उसके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार और अंतिम संस्कार की तैयारियां होने लगी. जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले की जिसमें गुंटूर के रहने वाले 32 साल के सीआरपीएफ जवान सखमुरी मुरली कृष्णा भी शहीद हो गए.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर के रहने वाले मुरली कृष्णा भी सीआरपीएफ की उस जाबांज टीम का हिस्सा थे जिन्होंने बीजापुर में सीधे नक्सिलयों से लोहा लिया और देश की सुरक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी. नक्सलियों की गोलीबारी में मौत होने की खबर जैसे ही उनके परिवार को रविवार की रात को मिली, पूरे घर में मातम छा गया. शहीद मुरली कृष्णा के माता-पिता ने अगले महीने 22 मई को उनकी शादी करने का फैसला किया था. उनके पिता सखमुरी रवींद्र, उनकी मां विजयकुमारी शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे लेकिन उन्हें जरा भी इसका एहसास नहीं था कि अब उनका बेटा नहीं बल्कि उसका पार्थिव शरीर ही घर लौटेगा. मुरली कृष्णा छह साल पहले सीआरपीएफ में शामिल हुए थे और कोबरा -210 विंग में काम कर रहे थे. उनके अचानक शहीद होने से उनके गांव सटनपल्ली में मातम छाया हुआ है. उनकी मां बेसुध हो गईं और अपने शहीद बेटे को याद करके दहाड़ मारकर रोने लगीं.
बता दें कि शनिवार को नक्सिलयों ने घात लगाकर छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला किया. इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए हैं. 3 अप्रैल को मौके से एक जवान का शव बरामद किया गया था. 21 जवान हमले के बाद लापता थे. 4 अप्रैल को सर्च ऑपरेशन के दौरान 21 और जवानों के शव बरामद किए गए. अभी भी एक जवान गायब है जिसकी तलाश जारी है. इस मुठभेड़ में 31 जवान ज़ख्मी भी हुए हैं,.जिनका इलाज किया जा रहा है. इनमें कोबरा बटालियन, DRG, STF और एक बस्तरिया बटालियन के जवान शामिल हैं.