बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले विपक्षी दलों को मंगलवार को एक और झटका लगा, जब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने महागठबंधन से अलग होकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ एक गठबंधन बनाने की घोषणा की। इस गठबंधन में जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) भी शामिल है। रालोसपा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने महागठबंधन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महगठंबधन की आज जो स्थिति में है, उसमें ऐसा लगा कि 15 सालों से जो नीतीश कुमार बिहार को रसातल में ले जा रहे हैं, उससे यह महागठबंधन बिहार को मुक्ति नहीं दिला पाएगा। यही कारण है कि उन्होंने यह फैसला लिया। इस संवाददाता सम्मेलन में बसपा के बिहार प्रभारी रामजी सिंह गौतम और जनवादी पार्टी (सोशलिसट) के संजय सिंह चौहान भी उपस्थित थे।
कुशवाहा ने भ्रष्टाचार को लेकर भी नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पहले 15 साल की सरकार ने सरकारी संपत्ति को दोनों हाथों से लूटा। अब इस सरकार में केवल तरीका बदल गया, लूट जारी रही। कुश्वाहा ने कहा कि राजग को भी पता है कि सरकार की साख लगातार गिरी है। इनका एक ही सहारा है, 15 साल बनाम 15 साल का नारा। बिहार की जनता बदलाव चाहती है, लेकिन पिछली सरकार की स्थिति में लौटना नहीं चाहती। कुशवाहा ने कहा, “हमने बसपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में जाने का फैसला किया है। अन्य कई दल संपर्क में है। समान उद्देश्य के लिए जो भी साथ आएंगे उनका स्वागत है।”