बिहार में अब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना महंगा पड़ेगा. परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से जिलों में हेलमेट न पहनने और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान की जाएगी. इसके लिए प्रदेश के 26 जिलों के 72 महत्वपूर्ण चौराहों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे, जिससे ऑटोमेटिक चालान काटा जाएगा. यह व्यवस्था एक अप्रैल 2025 से लागू होगी.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है. स्मार्ट सिटी वाले चार जिलों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है और व्यापक कार्यक्रम के तहत 9 अन्य जिलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. ये सीसीटीवी कैमरे न केवल यातायात उल्लंघन करने वालों की पहचान करेंगे, बल्कि कानून-व्यवस्था तोड़ने वालों की भी पहचान करेंगे.
परिवहन विभाग की मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 26 जिलों में सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इससे निश्चित रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोग सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के प्रति अधिक जागरूक होंगे.
चौराहों पर लगाए जाने वाले अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन) तकनीक से लैस होंगे. ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को अपने आप स्कैन कर लेंगे. किसी भी तरह के ट्रैफिक नियम के उल्लंघन की स्थिति में सिस्टम अपने आप चालान तैयार कर संबंधित वाहन मालिक के पते पर भेज देगा. कैमरे लगाने का काम पूरा करने के लिए मार्च 2025 का लक्ष्य रखा गया है और एक अप्रैल से ऑटोमेटिक चालान कटने शुरू हो जाएंगे.मधेपुरा, सुपौल, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, समस्तीपुर, मधुबनी, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, बांका, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बक्सर, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, गोपालगंज, सिवान, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, खगड़िया, मोतिहारी.