भुवनेश्वर: शिक्षा के बीना जीवन अंधकार से भरा होता है. ज्ञान ही समाज में एक व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिचय देता है. ऐसी ही एक कहानी ओडिशा के बलांगिर जिले के मेधावी छात्र ताराचन राणा की है. राणा बचपन से मेधावी छात्र रहे हैं. इस वर्ष JEE Main की परिक्षा में 99.36 प्रतिशत नंबर प्राप्त किए हैं. राणा ने अपनी गरीबी और आर्थिक समस्या के बीच इंजीनियरिंग की पढ़ाई को पूरा करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनयाक को पत्र लिखकर आर्थिक मदद कि मांग की. इस बात की जानकारी मिलते ही नवीन पटनायक ने राणा को कॉलेज में नामंकन के लिए 96,500 रुपये की राशि आर्थिक मदद दी है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने JEE परीक्षा में बेहतरीन नंबर प्राप्त करने एवं उज्जवल भविष्य बनाने के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं भी दीं.
19 वर्षीय ताराचन राणा बलांगिर जिले के बड़ापड़ा गांव के निवासी हैं. वह बचपन से स्कूल के मेधावी छात्र रहे हैं. राणा को गणित विषय में काफी रुची है लेकिन गरीब परिवार से आने के कारण पर्याप्त शिक्षा संस्थानों एवं सुविधाओं से वह वंचित रहे हैं. राणा के पिता उपासू राणा महीने के केवल 3,000 रुपया की कमाई कर पाते हैं. इसकी वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त करने एवं इंजिनियरिंग की पढ़ाई करना उनके लिए सपने जैसा था.
मेधावी छात्र राणा ने जेईई मेन की परीक्षा में 99.36 पर्सेंटाइल स्कोर किया. इसके बाद राणा को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वारलगल के एनआईटी कॉलेज में दाखिला लेने का मौका मिला. राणा के पिता की आय कम होने के कारण कॉलेज में नामांकण मुश्किल था. इस दौरान उन्होंने लोगों से पैसा जुटाना शुरू किया. पढ़ाई के लिए कॉलेज से कर्ज लिया लेकिन वह नामाकंण के लिए पर्याप्त नहीं हुआ. ऐसे में राणा ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर इंजीनियरिंग क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता की मांग की. मुख्यमंत्री ने पत्र मिलने पर राणा को कॉलेज में नामाकंन के लिए 96,500 रुपया की सहायता राशि प्रदान कर दी.
बातचीत में ताराचन ने कहा, “मैं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को इंजीनियरिंग की पढ़ाई में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए धन्यावद देता हूं, साथ ही साथ आभार प्रकट करता हूं. मैं एक गरीब परिवार से आता हूं और उच्च शिक्षा के साथ अपने सपनों को पूरा करना चाहता था. हालांकि, पैसों की तंगी के कारण कई बार दिक्कतों का समाना करना पड़ा था.” ताराचन ने कहा कि JEE Main की परीक्षा में उन्होंने अपनी कठिन मेहनत से 99.36 प्रतिशत नंबर स्कोर किया है. कॉलेज में रजिस्ट्रेशन के लिए उन्होंने 35,000 रुपया कर्ज लिया था, लेकिन दुर्भाग्य से नामाकंण के लिए पर्याप्त पैसा इक्कठा नहीं कर पाएं. जिसके बाद उन्होंने 21 नवंबर को मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई थी.