महाराष्ट्र के अमरावती जिले में जारी दो दिन से तांडव रविवार को कुछ थमता नजर आया. हालात न बिगड़ें, इसलिए प्रशासन ने शनिवार को ही चार दिनों के लिए यहां धारा-144 लागू कर दी थी. सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही चालू रहने की इजाजत है. पुलिस का कहना है कि हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं, हालांकि, अब इलाके में शांति भी है. अमरावती में शनिवार शाम को ही कर्फ्यू लगा दिया गया था. इलाके में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. शनिवार को जब स्थिति बिगड़ी तो स्थानीय पुलिस की तैनाती भी कम पड़ गई थी. ऐसे में एहतियात के तौर पर एक्स्ट्रा पुलिस फोर्स लगाई गई है. स्थिति को काबू में करने के लिए दंगे रोकने वाली पुलिस फोर्सेस की 4 टुकड़ियां भी यहां भेजी गईं हैं.
त्रिपुरा की आंच में झुलसा महाराष्ट्र। आजतक संवाददाता मुस्तफा शेख ने मुंबई से दी इस मामले में ज़रूरी जानकारी।#ATVideo #Tripura #Violence | @malhotra_malika@mustafashk pic.twitter.com/bXheWlrK0t त्रिपुरा में हो रही हिंसा के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने बंद बुलाया था. इसी दौरान हिंसा भड़की और जमकर पथराव हुआ. अगले दिन शनिवार को हिंदू संगठनों ने शुक्रवार की घटना के विरोध में बंद बुलाया और फिर पथराव और आगजनी जैसी घटनाएं सामने आईं. स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
फिलहाल अमरावती शांत दिखाई पड़ रहा है. लोगों को मेडिकल इमरजेंसी के अलावा घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. एक समय में एक जगह पर 5 लोग भी इकट्ठे नहीं हो सकते. अमरावती के एसीपी विक्रम साली ने लोगों से शांति बनाए रखने के साथ-साथ अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की. बताया जा रहा है कि पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई है. इसी बीच त्रिपुरा के डिप्टी सीएम जिश्नु देव वर्मा ने आरोप लगाया है कि त्रिपुरा के बारे में गलत खबरें फैला कर साजिश रची जा रही है. त्रिपुरा में हालात बिलकुल सामान्य हैं. यहां पर कभी भी दंगों का कोई इतिहास नहीं रहा है.