उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सियासी समीकरण तेज हो गये हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछाने में लगे हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर अपना दल बनाने वाले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल यादव ने एक बार फिर वापसी के संकेत दिए हैं। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जनता से सभी मुद्दे पर विफल है। इस सरकार को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि सपा को बढ़ाने में 75 फीसदी योगदान नेताजी के हैं तो 25 फीसदी मेरा भी है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अब बड़े आदमी हैं, वो मेरा 25 फीसदी हक वापस करें तो हम समाजवादी पार्टी में वापसी को तैयार हैं। उन्होंने अखिलेश के सामने अपना हक मांगा है।
शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को गाजियाबाद में पत्रकार वार्ता के दौरान सपा और प्रसपा के बारे में अवगत कराया। शिवपाल यादव सामाजिक परिवर्तन यात्रा लेकर शनिवार देर शाम गाजियाबाद आए थे। उन्होंने किसानों, डीजल, पेट्रोल, गैस और बिजली की लगातार महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार पर काफी तंज कसे। उन्होंने कहा कि किसानों की बात सुनने के बजाय लाठीचार्ज और वाहनों से कुचला जा रहा है। उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर निशाना साधा। विधानसभा चुनाव के संबंध में कहा कि स्थानीय दलों के साथ एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी से गठबंधन करेंगे। पत्रकार वार्ता के बाद शिवपाल यादव समर्थको के साथ रथयात्रा लेकर नोएडा के लिए रवाना हो गए।
वर्तमान में देखा जाये तो चाचा-भतीजा में कई बार बयानबाजी हो चुकी है। माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर दोनों दल एक हो सकते हैं लेकिन बीच-बीच में दोनों के बीच बयानबाजी तल्ख हो जा रही है। इस बीच कई बार शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश राजनीति स्पष्टता के बारे में की। चुनावी वादा और स्पष्ट संकेत नहीं आने से शिवपाल सिंह यादव के सामने राजनीतिक संकट खड़ा है। ऐसे में शिवपाल और अखिलेश दोनों लोग रथयात्रा लेकर जनता के बीच पहुंच चुके हैं।