जम्मू के राजौरी ज़िले का लाम इलाका इन दिनों गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा है. यहां पाकिस्तानी आतंकियों से निपटने का बीड़ा अब देश की वीर बेटियों ने उठाया है. दरअसल, पाकिस्तान जम्मू के राजौरी और पुंछ में घुसपैठ करा कर यहां आतंकियों की नई राजधानी बनाना चाहता है. पाकिस्तान के इस नए ब्लू प्रिंट का खुलासा तब हुआ जब राजौरी से ही सटे पुंछ जिले में बीते 12 दिनों से सेना जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढ रही है. यहां की भौगोलिक स्थितियां आतंकियों को प्राकृतिक पनाह देती हैं जिससे निपटने के लिए अब सेना ने जम्मू में सीमा से सटे इलाकों में ग्राम सुरक्षा समितियों को दोबारा सक्रिय कर दिया है.
जम्मू कश्मीर में ग्राम सुरक्षा समिति जिसे यहां विलेज डिफेंस कमेटी कहा जाता है का गठन 90 के शुरुआती दशक में उस समय हुआ था जब जम्मू कश्मीर में आतंक ने दस्तक दी थी. प्रदेश में वीडीसी का गठन इसलिए किया गया था, ताकि सीमावर्ती और आतंक ग्रस्त इलाकों के लोगों को भी आतंक के खिलाफ चल रहे अभियान में शामिल किया जा सके.
इन समितियों में सिर्फ स्थानीय लोगों को भर्ती किया जाता था. ऐसे में किसी भी आतंक विरोधी ऑपरेशन में सेना को इन लोगों की तरफ से मदद दी जाती थी जिसे आतंक के खिलाफ ऑपरेशंस में सेना को बड़ी कामयाबी मिलती थी. अब जबकि जम्मू के राजौरी और पुंछ जिले में आतंकी दोबारा सर उठाने लगे हैं ऐसे में इन आतंकियों का सर कुचलने के लिए एक बार फिर से सेना स्थानीय लोगों को आतंकी विरोधी ऑपरेशंस में शामिल करने के लिए इन समितियों को दोबारा सक्रिय कर दिया है.
खुफिया एजेंसियों को लगातार यह सूचनाएं मिल रही है कि पाकिस्तान ने जम्मू के राजौरी और पुंछ से सटे अपने इलाकों में आधा दर्जन से ज्यादा आतंकी कैंप और लॉन्चिंग पैड सक्रिय किए हैं पाकिस्तान इन लॉन्चिंग पैड से अधिक से अधिक आतंकी बर्फ गिरने से पहले जम्मू कश्मीर में दाखिल करवाना चाहता है ताकि आने वाली सर्दियों में जम्मू-कश्मीर में खून खराबे को बढ़ावा दिया जा सके.
लेकिन, अब सेना के साथ साथ ग्राम सुरक्षा समिति के वीर बहादुर भी आतंकियों से निपटने के लिए तैयार हैं और वह दिन रात यहां जंगलों में कड़ा पहरा दे रहे हैं. दरअसल अब सुरक्षा एजेंसियां राजौरी पुंछ के साथ-साथ प्रदेश के उन सभी जिलों में ग्राम सुरक्षा समितियों को सक्रिय करना चाहती हैं जहां पर आतंकी दोबारा अपना आतंक का नेटवर्क फैलाने की फिराक में है.