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हिरासत में सफाईकर्मी की मौत, पीड़ित परिवार से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी हिरासत में

पुलिस हिरासत में मौत का मामला गंभीर होने के साथ सियासी रंग पकड़ चुका है। आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए चोरी के संदेह में पकड़े गए सफाई कर्मचारी अरूण कुमार की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर उत्तर प्रदेश में तनाव बढ़ गया है। पुलिस ने पीड़ित परिवार से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आगरा-लखनऊ हाइवे पर रोक दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से धक्का-मुक्की और काफी देर तक बहस के बाद पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया है। प्रियंका को हिरासत में लिए जाने से कांग्रेस कार्यकता योगी सरकार पर आग बबूला है। प्रियंका ने कहा है कि पीड़ित परिवार से मिलने वह आगरा जरूर जाएंगी।

 

कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने कहा कि यह सरकार की तानाशाही है। पुलिस ऊपर के इशारे पर प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवार से मिलने से रोक रही है। सरकार को प्रियंका गांधी और कांग्रेस से डर लगता है। कांग्रेस किसी के रोकने नहीं रुकने वाली। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आगरा में पुलिस हिरासत में मौत को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले खुद ही मालखाने में चोरी कराई फिर दलित सफाईकर्मी पर इल्जाम मढ़ दिया। उन्होने कहा कि योगी राज में पुलिसवाले खुद अपराध कर रहे हैं। पीड़ित परिवार और वाल्मीकि समाज के स्थानीय लोगों ने इस घटना के विरोध में आज वाल्मीकि जयंती नहीं मनाई। परिवार ने सरकार से एक करोड़ रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है। इसके साथ ही कहा है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

 

प्रियंका गांधी को पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए रोका है। रोके जाने पर प्रियंका की पुलिस से झड़प भी हुई है। इसका वीडियो फेसबुक लाइव पर भी दिखा। ज्ञात हो कि जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चोरी के शक में पुलिस ने सफाई कर्मचारी अरुण को हिरासत में लिया था। मंगलवार की रात सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। अरुण लोहामंडी क्षेत्र का निवासी था। बवाल की आशंका के मद्देनजर थाने को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। आसपास के जिलों से भी पूर्व में यहां रह चुके इंस्पेक्टर बुलाए गए हैं।
जगदीशपुरा थाने के मालखाने में शनिवार रात को दरवाजे तोड़कर 25 लाख रुपये चोरी कर लिए गए थे।

 

रविवार सुबह घटना की जानकारी होने के बाद इंस्पेक्टर अनूप कुमार तिवारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। मंगलवार को पुलिस ने सफाईकर्मी को ताजगंज क्षेत्र से पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने दस लाख रुपये से अधिक बरामद कर लिए थे और रूपये बरामद करने के लिए पूछताछ की जा रही थी। देर रात पुलिस हिरासत में सफाईकर्मी की हालत बिगड़ गई। इसके बाद पुलिस ने उसे हास्पिटल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सुबह इस घटना पर बवाल हो सकता है इस आशंका के चलते थाने पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है।