लद्दाख के गलवान में गतिरोध के बाद करारा जवाब पाये चीन लगातार साजिशें कर रहा है। सीमा-विवाद को लेकर चीन लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हैं। हाल ही में चीनी मीडिया के एक विवादित लेख में कहा गया था कि चीन अपने क्षेत्र को लेकर भारत से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा और युद्ध की स्थिति में चीन, भारत को हराने में कामयाब रहेगा। चीन के ग्लोबल टाइम्स में छपे इस लेख के बाद अब चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भी विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन अवैध रूप से बने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता है। चीनी प्रवक्ता ने भारत के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के इस क्षेत्र में किए गए दौरे का भी कड़ा विरोध करते हैं। ज्ञात हो कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करते हुए उसे दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है।
चीन के इस दावे पर भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है। चीन के इस बयान के बाद भारत ने कहा कि हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा किए गए बयानों को देखा है। हम इन बयानों को अस्वीकार करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। जैसे भारतीय नेता भारत के किसी अन्य राज्य की यात्रा करते हैं, वैसे ही नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश राज्य की यात्रा करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का है और उसी अनुसार रहेगा। भारतीय नेताओं की भारत के एक राज्य की यात्रा पर आपत्ति करना, भारतीयों के तर्क और समझ से परे है। चीन विरोध दर्ज कर एक नयी साजिश की कोशिश करता रहा है। चीन ने इससे पहले भी अरुणाचल प्रदेश में आने वाली सभी बड़े नेताओं को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और साल 2014 में पीएम मोदी भी अरुणाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं और चीन ने इन सभी दौरों पर आपत्ति जताते हुए बयान जारी किया था।
जनवरी में भी चीन ने किया था दावा
ज्ञात हो कि भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा-विवाद को लेकर 13वें दौर की सीनियर सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता भी बेनतीजा रही है। चीन का कहना है कि भारत परिस्थिति का गलत आकलन कर रहा है और सीमा विवाद को लेकर भारत की मांगें अवास्तिवक हैं। इससे पहले इस साल जनवरी में भी ऐसी खबरें आई थीं कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में गांव बना लिया है जिसके बाद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। इस मामले में बात करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि चीन-भारत की सीमा के पूर्वी सेक्टर या जैंगनान (दक्षिणी तिब्बत) को लेकर चीन की स्थिति स्पष्ट है। हमने कभी भी चीनी क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए गए कथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। चीन का अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य करना पूरी तरह से संप्रुभता का मामला हैं चीन की अपने क्षेत्र में विकास और निर्माण से जुड़ीं गतिविधियां बिल्कुल सामान्य बात है।