लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रतीकात्मक रूप से कुछ महिलाओं को प्रशिक्षण किट वितरित किया। इसी के साथ प्रदेश के सभी जिलों में कुल 75000 महिलाओं को उद्यमिता की प्रशिक्षण किट का वितरण हुआ। इस मौके पर सीएम योगी ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ का विशेष डाक टिकट और लिफाफा का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन दिन तक इन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, फिर अगले तीन माह में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से उन्हें बैंक और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाकर उद्यम शुरू कराकर स्वावलंबी बनाया जाएगा। इस दौरान सभी 75 जिलों में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत चिन्हित उत्पादों पर आधारित डाक लिफाफों का अनावरण भी किया गया।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम विभाग के ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। यदि सुरक्षा का माहौल है तो हर व्यक्ति सम्मान के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ा सकता है। मिशन शक्ति का अभियान इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में मिशन मोड में लिया है। जिस प्रकार से एक जिला एक उत्पाद योजना पूरे देश में छा रही है, उसी प्रकार से मिशन शक्ति का यह अभियान भी पूरे देश में छा जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान के तहत पूरे प्रदेश में महिला पिंक बूथ स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के सभी थानों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। अब मिशन शक्ति के तीसरे चरण में ग्राम पंचायत स्तर पर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि जहां भी ग्राम सचिवालय संचालित हो रहे हैं वहां एक महिला शक्ति बूथ का गठन होना चाहिए।
मिशन शक्ति फेज-3 में ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में प्रति जनपद एक हजार महिलाओं का एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम व तीन दिवसीय कौशल क्षमता विकास प्रशिक्षण संचालित किया जाएगा। इस दौरान 75 हजार महिलाओं को लाभांवित करने की योजना है। ओडीओपी उत्पाद के संबंध में भारतीय डाक विभाग के सहयोग से एक ही दिन व समय में प्रदेश के 75 विशेष लिफाफे जारी किए गए। यह सभी लिफाफे देश के विभिन्न डाकघरों में भेजे जाएंगे, जिससे उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।