दो दिवसीय दौर पर जनपद पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जिला सभागार में आपदा प्रबंधन को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान मंत्री ने कहा कि बारिश से अवरुद्ध मोटर मार्गों के प्रभावित स्थल पर जेसीबी त्वरित गति से पहुंच सके, इसके लिए निर्धारित रूट पर काम किए जाने की आवश्यकता है.
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अवरुद्ध मोटर मार्गों पर जेसीबी ऑपरेटर केवल सड़क के बीचों-बीच पड़े पत्थरों-बोल्डरों को हटाते हैं. जबकि सड़क के किनारों पड़े मलबे को नहीं हटाते हैं. इस पर मंत्री ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को जेसीबी ऑपरेटर का ऑनलाइन प्रशिक्षण करवाने के निर्देश दिए.
धन सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन अधिकारी को रिस्पांस टाइम रजिस्टर मेंटेन करने के निर्देश दिए. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अवरुद्ध मोटर मार्ग को खुलवाने के लिए किस स्तर पर अधिक समय लगा और उसमें सुधार लाया जा सके. इसके अलावा उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिकारी को जनप्रतिनिधियों (विधायकों) का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए. इससे जनप्रतिनिधि मौसम संबंधी पूर्वानुमान और आपदा की धरातल पर वास्तविक स्थिति से अवगत हो सकेंगे.
आपदा प्रबंधन मंत्री ने जीडीएमओ को निर्देश दिए कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर आने (सितंबर) से पहले महिला और युवक मंगल दलों को प्रशिक्षित कर लिया जाए. विस्थापन को लेकर राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है. जिसके तहत अब तक पूरे प्रदेश में 1000 से अधिक आपदा प्रभावितों का विस्थापन किया जा चुका है.
बैठक में जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों का चयन किया जा चुका है. इसके साथ ही ग्राम स्तर पर खोज एवं बचाव उपकरणों का भौतिक सत्यापन भी करवा लिया गया है. वहीं, मॉनसून के दौरान खनन कार्य को भी प्रतिबंधित किया गया है.
बैठक में टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, एसएसपी तृप्ति भट्ट, सीडीओ नमामि बंसल, एडीएम शिवचरण द्विवेदी, सीएमओ डॉ. संजय जैन, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट सहित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी भी उपस्थित रहे.