पेगासस जासूसी मामले में चौतरफा आलोचना के बीच इजरायल ने एनएसओ समूह के निगरानी सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग के आरोपों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने के साथ-साथ ‘लाइसेंस देने के पूरे मामले की संभावित समीक्षा’ का संकेत दिया है (Pegasus NSO Group Israel). भारत समेत अन्य देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार समर्थकों, नेताओं और अन्य की जासूसी करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के कथित उपयोग ने निजता से संबंधित मुद्दों को लेकर चिंता खड़ी कर दी है.
इजरायली कंपनी के विभिन्न सरकारों को बेचे गए फोन स्पाईवेयर (जासूसी सॉफ्टवेयर) के जरिए नेताओं, अधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बनाया गया. नेसेट (इजरायली संसद) के विदेश मामलों और रक्षा समिति के प्रमुख रैम बेन बराक ने बताया, ‘रक्षा प्रतिष्ठान ने कई निकायों की मदद से बनी एक समीक्षा समिति नियुक्त की गई है.’
समीक्षा के बाद सुधार की जरूरत पर होगा विचार
पूर्व में इजरायल की मोसाद जासूसी एजेंसी के उपप्रमुख रह चुके बेन बराक ने कहा, ‘वे जब अपनी समीक्षा पूरी कर लेंगे, तब हम परिणाम देखने की मांग करेंगे और इस बारे में विचार मंथन करेंगे कि क्या हमें सुधार करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि इजरायल की प्राथमिकता ‘लाइसेंस दिए जाने की इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करना है.’ एनएसओ के पूर्व कार्यकारी शेलेव हुलियो ने इस कदम का स्वागत किया (Israel on Pegasus Case) और आर्मी रेडियो से कहा कि वह ‘बहुत खुश होंगे अगर जांच होती है, ताकि हम खुद पर लगे इल्जामों को हटा सकें.’
‘साइबर इंडस्ट्री पर धब्बा लगाने की कोशिश’
हुलियो ने दावा किया कि ‘पूरे इजरायली साइबर उद्योग पर धब्बा लगाने’ का प्रयास किया जा रहा है. बेन बराक ने कहा कि पेगासस ने ‘कई आतंकवादी प्रकोष्ठों का भंडाफोड़’ करने में मदद की है लेकिन ‘अगर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है या इसे गैर-जिम्मेदार निकायों को बेचा जा रहा है तो यह कुछ ऐसा है, जिसकी जांच जरूरी है.’ एनएसओ प्रमुख ने आर्मी रेडियो से कहा कि ‘गोपनीयता के मुद्दों’ के चलते उनकी कंपनी अपने अनुबंधों के ब्योरों का खुलासा नहीं कर सकती लेकिन ‘वह अधिक जानकारी मांगने वाली किसी भी सरकार को पूर्ण पारदर्शिता प्रदान करेंगे.’