प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ( Eknath Khadse) के दामाद गिरीश चौधरी (son-in-law Girish Choudhary) को पुणे भूमि सौदा मामले (Pune land deal case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) मामले में बुधवार तड़के गिरफ्तार कर लिया. गिरीश चौधरी को मंगलवार सुबह पूछताछ के लिए बुलाया गया था और देर शाम तक पूछताछ चलती रही. गिरीश चौधरी द्वारा लाए गए विभिन्न दस्तावेजों का भी ईडी अधिकारियों ने विश्लेषण किया था. ईडी ने इससे पहले जनवरी में एकनाथ खडसे से पुणे एमआईडीसी भूमि सौदा मामले में पूछताछ की थी. बीजेपी से एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे को ईडी ने दिसंबर में नोटिस भेजकर पेश होने के लिए कहा था.
बाद में एकनाथ खडसे ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था और आरोप लगाया था कि ईडी ने भाजपा से एनसीपी में जाने के बाद कार्रवाई की. हालांकि, एजेंसी ने अदालत को बताया था कि एकनाथ खडसे आरोपी नहीं थे, लेकिन पेश न होना गिरफ्तारी का आधार बन सकता है.
मामला क्या है?
महाराष्ट्र पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2017 में एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी, दामाद गिरीश चौधरी और मूल भूमि मालिक अब्बास अकानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मामला खडसे और अन्य द्वारा पुणे के पास एमआईडीसी में मुख्य भूखंड की खरीद से संबंधित कथित अनियमितताओं से संबंधित था.
यह मामला हेमंत गावंडे नाम के द्वारा लगाए गए आरोपों पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि खडसे ने भोसरी एमआईडीसी भूमि सौदा मामले में सरकारी खजाने को चपत लगाई थी. 2018 में एसीबी ने 22 पेज की रिपोर्ट के जरिए खडसे को क्लीन चिट दे दी थी. इस मामले में एकनाथ खडसे ने कहा था, ‘मेरी पत्नी ने जमीन खरीदी थी और मेरा खरीद से कोई सीधा संबंध नहीं, पहले इसी मामले की जांच पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो और फिर नासिक एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई थी, लेकिन उन्होंने मामले में क्लोजर रिपोर्ट जमा कर दी है.’ एकनाथ खडसे ने कहा था, ‘भूमि सौदे की चार बार जांच हो चुकी है और अब ईडी इसकी जांच कर रहा है, मैंने पहले सभी एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और एजेंसियों और आयोग को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, इस बार भी मैं ईडी अधिकारियों के साथ सहयोग करूंगा और जांच में शामिल होऊंगा.’