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श्मशान के समान होते है ऐसे घर, जिस घर में नहीं होते ऐसे काम

हमारे शास्त्रों में कई ऐसी बातें बताई गयी है जो हमारे जीवन के लिए उपयोगी होती हैं और भविष्य को बेहतर बना सकती है। नीति शास्त्र में चाणक्य ने जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए सैकड़ों नीतियां तथा उपाय सुझाए हैं, जिसे अपनाकर मनुष्य को जिंदगी में खुशहाली तथा शांति का अनुभव होता है। इसी नीति शास्त्र में वो कहते हैं कि कैसे घर श्मशान के जैसे होते हैं।

शमशान के समान होते है ऐसे घर

जिन घरों में ब्राह्मणों का सम्मान नहीं होता, जहां वेद आदि शास्त्रों की ध्वनि नहीं गूंजती, जिस घर में अग्निहोत्र अर्थात हवन आदि शुभकर्म नहीं होते हैं, उसे श्मशान के बराबर समझना चाहिए।

किसी ब्राह्मण के लिए खाने का निमंत्रण मिलना ही पर्व है। गायों के लिए ताजी नई घास मिलना ही पर्व के बराबर है। पति में उत्साह की बढ़ोतरी होते रहना ही स्त्रियों के लिए उत्सव के समान है। इसलिए इंसान को अपने जीवन में अच्छे कर्म करते रहना चाहिए।