नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और व्यापक आलोचना के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बृहस्पतिवार को एक हफ्ते में दूसरी बार मंत्रिमंडल विस्तार किया है। ओली उस अल्पसंख्यक सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो बीते महीने नेपाली संसद प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गई थी। इस विस्तार के साथ ओली कैबिनेट में कुल 25 सदस्य हो गए हैं। इसमें सात नए मंत्री और एक राज्य मंत्री हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में 69 वर्षीय ओली के बेहद करीबी माने जाने वाले खगराज अधिकारी को गृह मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। अधिकारी सुशील कोइराला की अगुवाई वाली कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। मंत्री बनाए गए अन्य चेहरों में जनता समाजवादी पार्टी से राजकिशोर यादव (उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री) और नैनकला थापा (संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री) शामिल हैं। थापा पूर्व गृह मंत्री राम बहादुर थापा की पत्नी हैं। ओली ने जिन और लोगों को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है, उनमें ज्वाला कुमारी शाह (कृषि), नारद मुनि राणा (वन), गणेश कुमार पहाड़ी (आम प्रशासन) और मोहन बनिया (बिना प्रभार के मंत्री) हैं। इनके अलावा आशा कुमारी बीके को भी वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया है।
मधेसी समुदाय के दो उप प्रधानमंत्री नियुक्त किए थे
इससे पहले बीते शुक्रवार को ओली ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था। इनमें आठ मंत्री और दो राज्य मंत्री थे। इसमें मधेसियों के आधार वाली जनता समाजवादी पार्टी को तरजीह दी गई थी। ओली ने फेरबदल के तहत तीन उप प्रधानमंत्री नियुक्त किए थे, जिनमें से दो मधेसी समुदाय से हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही खाली था
गृह मंत्रालय का पद गृह मंत्रालय का पद उस वक्त से खाली चल रहा था, जब 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सात मंत्रियों की नियुक्ति यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि ये लोग सांसद नहीं हैं। इनमें राम बहादुर थापा का भी नाम था, जिनके पास गृह मंत्रालय था। इसके एक दिन बाद ओली ने सदन भंग कर दी थी। पूर्ववर्ती नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के भंग होने के बाद थापा सीपीएन-यूएमएल में शामिल हो गए थे।