इस वर्ष संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभ्यास (Joint Anti-Terrorism Exercise) में एक साथी तीन देश हिस्सा लेने वाले है और ये तीन देश के नाम हैं. भारत, पाकिस्तान और चीन(India, Pakistan and China). ये अभ्यास शंघाई सहयोग संदठन (SCO) के बैनर तले होने वाला है. इसमें SCO के बाकी मेंबर भी शामिल होंगे. उज्बेकिस्तान के ताशकंद( रूस का एक शहर) 18 मार्च को RATS की 36वीं बैठक में संयुक्त अभ्यास का निर्णय लिया गया था. इस ज्वाइंट एक्सरसाइज को ‘पब्बी-एंटी टेरर-2021’ (Pabbi-Antiterror-2021) नाम से पुकारा गया. बता दें कि भारत, पाकिस्तान और चीन के साथ साथ SCO में आठ सदस्य हैं.
लिया ये फैसला
इन 8 अन्य एससीओ के सदस्यों में किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान ,रूस और उज्बेकिस्तान भी शामिल हैं. बैठक में एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से युद्ध के लिए 2022-24 के लिहाज से सहयोग के कार्यक्रम के मसौदे को भी अनुमति दी गई है. क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे की परिषद की तरफ से जारी बयान में इस बात को कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण वाले चैनलों को चिह्नित करने और उन्हें खत्म करने में एससीओ के सदस्य देशों के दक्ष अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
Pakistan को सुनाई खरी खोटी
बता दें कि RATS का मुख्यालय ताशकंद में है. इसको एससीओ का स्थायी अंग भी कहा जाता है, जो आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सदस्य देशों में सहयोग बढ़ाने के लिए कार्यरत है. सितंबर में उज्बेकिस्तान में RATS की अगली बैठक होने वाली है. गत वर्ष नवंबर में, SCO की बैठक में पाकिस्तान को भारत ने जमकर खरी खोटी सुनाई थी. इस्लामाबाद पर नई दिल्ली ने सीमा-पार आतंकवाद की बात पर निशाना साधा था. ऐसे समय में जब भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच टेंशन काफी बढ़ गयी हैं, इस संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभ्यास का रोल काफी अहम माना जा रहा है.