बिहार के चर्चित शराब कांड में शुक्रवार को बड़ा निर्णय आया है। साढ़े चार साल के बाद बिहार में जहरील शराब कांड में गोपालगंज की अदालत ने खजुरबानी कांड के 9 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। इसी मामले में 4 महिला आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। एडीजे 2 की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फैसले में शराब कांड में 13 आरोपियों में से 9 को फांसी की सजा तथा चार दोषियों को आजीवीन कारावास की सजा दी है। कोर्ट में फांसी की सजा मिलते ही दोषियों के परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। 16 अगस्त 2016 को गोपालगंज नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस षराब के सेवन से 6 लोग अंधे हो गए थे। शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी , रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया था। मामले में नामजद एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी। गोपालगंज एडीजे दो की कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को खजुरबानी कांड में दोषी करार दिया और 5 मार्च को कोर्ट ने दोषियों के लिए फांसी की सजा का ऐलान भी कर दिया।
खजूरबानी की अमृता की जिन्दगी उजड़ गयी। आज अमृता की उम्र 35 साल है और उसे दो बेटे और दो बेटी हैं। अमृता का पति अनिल राम उन 19 लोगों में से थे जिन्होंने जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवा दी थी। सरकार ने अनिल राम के आश्रितों को 04 लाख रूपये का मुआवजा दिया था। अमृता के पड़ोसी बंधू राम भी इसी शराब कांड के शिकार हुए थे। 55 साल के बंधू राम 16 अगस्त 2016 को शराबबंदी के बावजूद लालच में खजुरबानी में शराब पीने चले गए। बंधू की आंखों की रोशनी चली गई और साथ में नौकरी भी।
श्याम सिनेमा रोड के रहने वाले 35 वर्षीय रामू राम की भी मौत खजुरबानी कांड में हो गई थी। रामू की शादी नहीं हुई थी, वो अकेले इसी तंग गली में रहता था। उसके मौत के बाद घर में वीरानी छा गई। गोपालगंज शहर के नोनिया टोली के रहने वाले 55 वर्षीय परमा महतो, 28 वर्षीय शशि कुमार और 22 वर्षीय मुन्ना साह भी खजुरबानी कांड के शिकार हुए। नोनिया टोली के 28 वर्षीय शशि चैहान की मौत भी जहरीली शराब पीने से हुई थी। नोनिया टोली के ही 22 साल मुन्ना साह की मौत भी शराब पीने से हो गई थी।