अक्सर शादी के कार्ड पर लोग देवी-देवता या फिर अपने धर्म व दूल्हा-दुल्हन से जुड़ी चीजें व स्लोगन छपवाते हैं लेकिन जब से किसान आंदोलन चला है तब से किसान का झंडा और किसान से जुड़े स्लोगन No Farmer-No Food, I Love खेती काफी ट्रेंड कर रहे हैं. वीआईपी कल्चर की तरह लोग इन्हें अपनी महंगी-महंगी गाड़ियों पर लगाना पसंद करने लगे हैं. यहां तक कि टोल प्लाज़ा पर भी किसान का झंडा वीआईपी कार्ड की तरह चलने लगा है. कैथल की विभिन प्रिंटिंग प्रेस पर काफी लोग किसान आंदोलन से रिलेटेड कंटेंट वाले शादी कार्ड छपवा रहे हैं. शादी के कार्डों पर No Farmer-No food वाला लोगो-स्लोगन बहुत ट्रेंड कर रहा है और इसके साथ भगत सिंह व सर छोटूराम की फ़ोटो भी छपवाई जा रही है.
जब प्रिंटिंग प्रेस वालों से इस विषय मे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आजकल ये बहुत ट्रेंड चल रहा है और लोग शादी के कार्डों पर छपवा रहे हैं. पिछले डेढ़-दो महीने से शादी के हर दूसरे-तीसरे कार्ड पर किसानी से जुड़े लोगो-स्लोगन छप रहे हैं. दूल्हा बनने जा रहे प्रवीन से जब इस विषय में पूछा गया तो कहा कि हमारा जन्म किसान के घर हुआ है और ये लिखवाना गौरव का विषय है. अगर हम दिल्ली नहीं जा सकते तो कम से कम इस तरह से मॉरल स्पोर्ट तो कर सकते हैं. इस तरह से हम अपनी आवाज़ उन लोगों तक भी पहुंचा सकेंगे जिनको आंदोलन के विषय में नहीं पता.
दूल्हे कमलदीप के पिता प्रेम सिंह ने कहा कि इंटरनेट या मीडिया पर सरकार का जोर चलता लेकिन शादी के कार्ड के माध्यम से किसानों के हकों की आवाज़ बुलंद करेंगे और किसान आन्दोलन के प्रति जागरूक करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि ये किसान आंदोलन ऐतिहासिक आंदोलन है और इस समय का छपा हुआ ये शादी का कार्ड भी ऐतिहासिक होगा जिसको हम संभाल कर रखेंगे और आने वाली नस्लों को दिखाएंगे कि हमारे समय में इस तरह के आंदोलन हुए थे और शादी के कार्डों के माध्यम से भी हमने आवाज़ बुलंद की थी.