केंद्र सरकार ने नए साल के मौके पर पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है. अब पेंशनर्स को पेंशन पेमेंट ऑर्डर के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर खुद पेंशनर भी एक क्लिक पर पीपीओ का प्रिंट आउट हासिल कर सकेंगे. लॉकडाउन के दौरान पेंशनर पीपीओ को लेकर खासे परेशान रहे थे. इतना ही नहीं जब कभी पेंशन में होने वाले बदलाव के दौरान पीपीओ की जरूरत होती है तो दस्तावेजों में आसानी से नही मिल पाता है. इसी परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने पीपीओ को इलेक्ट्रॉनिक करने जैसा बड़ा कदम उठाया है.
कार्मिक, लोक शिकायत एंव पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बारे में कहा कि पेंशन विभाग को अक्सर वरिष्ठ नागरिकों से शिकायतें सुननी पड़ती हैं कि उनके पेंशन पेमेंट ऑर्डर की मूल कॉपी अक्सर गलत स्थान पर रख दी जाती हैं. ऐसी स्थितियों में पेंशन भोगियों, विशेष रूप से पुराने पेंशन भोगियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. लेकिन हाल ही में लागू किए गए इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ से वरिष्ठ नागरिकों (पेंशनभोगियों) के जीवनयापन में सरलता आएगी.
उन्होंने पेंशन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ को सफलतापूर्वक लागू किया. यह ऐसे कई सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वरदान के रूप में सामने आया जो लॉकडाउन के दौरान रिटायर्ड हुए थे. और जिन्हें उनके पीपीओ की हार्ड कॉपी को व्यक्तिगत रूप से हासिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था.
क्या होता है पेंशन पेमेंट ऑर्डर
रिटायर्ड चीफ ट्रेजरी अफसर ओपी सिंह ने बताया कि जब भी कोई अधिकारी या कर्मचारी रिटायर्ड होता है तो उसका एक पीपीओ बनाया जाता है. यह पीपीओ ट्रेजरी ऑफिस जाता है और इसी के आधार पर पेंशन जारी की जाती है. इतना ही नहीं जब भी सरकार पेंशन में किसी भी तरह की बढ़ोतरी करती है तो ऐसे मौकों पर पीपीओ की जरूरत होती है. कभी-कभी पीपीओ दस्तावेजों के बीच गुम हो जाते हैं और आसानी से नहीं मिलते हैं.
लेकिन केंद्र सरकार की इस पहल के बाद अब पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डिजी-लॉकर के साथ सीजीए (नियंत्रक महालेखाकार) के पीएफएमएस एप्लीकेशन के जरिए जेनरेटेड इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ को समेकित करने का फैसला किया. यह पेंशनभोगी को डिजी-लॉकर खाते से उसके पीपीओ की नवीनतम प्रति का तत्काल प्रिंट आउट प्राप्त करने में आसान बनाता है.