प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण के मतदान से साफ नजर आ रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार दोबारा बन रही है। पहले चरण के मतदान में आपने एनडीए को जो भारी समर्थन के संकेत दिए हैं और जिन्होंने भी मतदान किया है, उनका मैं अभिनंदन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लेते हुए कहा, “वो अब मुझे भी गाली देने लगे हैं। ठीक है, मुझे गाली दे दीजिए, जो मन आए बोलिए लेकिन अपना गुस्सा बिहार के लोगों पर तो मत उतारिए। भाजपा के लिए, एनडीए के लिए आपका ये प्रेम कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा। उनकी हताशा-निराशा, उनकी बौखलाहट, उनका गुस्सा अब बिहार की जनता बराबर देख रही है। जिसकी नजर हमेशा गरीब के पैसों पर हो, उसे कभी गरीब का दुख, उनकी तकलीफ दिखाई नहीं देगी।”
कोरोनावायरस महामारी को लेकर उन्होंने कहा कि “एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़ी रहे। कोरोना के काल में किसी मां को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएंगे। आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बैठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा। मां! तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है।”
जंगलराज की याद दिलाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नौजवान को पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकीं रहीं? बिहार के पास सामर्थ्य तब भी भरपूर था। सरकारों के पास पैसा तब भी पर्याप्त था. फर्क सिर्फ इतना था कि तब बिहार में जंगलराज था। उन्होंने कहा, “पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो। किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी। ये जंगलराज के दिनों की सच्चाई है।”